Prayagraj
News– यूपी के मथुरा जिले स्थित भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा में केशवदेव व 7 अन्य की तरफ से दाखिल सिविल वाद की पोषणीयता पर अब इलाहाबाद उच्च
न्यायालय 22 फरवरी को सुनवाई करेगी। शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी तथा सुन्नी सेंट्रल वक्फ
बोर्ड की तरफ से सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के अन्तर्गत प्रार्थना-पत्र दाखिल किया गया है। मंगलवार को न्यायमूर्ति मयंक कुमार
जैन ने इस मामले पर सुनवाई के बाद ये आदेश दिया है।
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मंगलवार को न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने इस
मामले पर सुनवाई करने के बाद ये आदेश दिया। मंदिर पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आदेश 1 नियम 8
के अन्तर्गत दाखिल प्रार्थना-पत्र दोबारा दाखिल करने की छूट के साथ वापस लेने की
मांग की, जिसे न्यायालय ने
स्वीकार कर लिया।
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने वाद की पोषणीयता पर मस्जिद पक्ष की आपत्ति सहित सभी वादों की
एकीकृत सुनवाई के आदेश के वापसी प्रार्थना-पत्र व पक्षकार बनाने की अन्य प्रार्थना-पत्रों के साथ नियमानुसार सुनवाई की मांग की है, जिससे मूल वाद की सुनवाई आसान हो सके। न्यायालय ने दोनों पक्षों को एक दूसरे के
जवाबी हलफनामे पर आपत्ति/ प्रति जवाब दाखिल करने का समय निश्चित करते हुए कहा है, कि आगे समय नहीं दिया जाएगा।
न्यायालय ने
भगवान श्रीकृष्ण (ठाकुर केशव देव जी महाराज) विराजमान सिविल वाद संख्या 17/23 की
प्रार्थना संशोधित करने के प्रार्थना-पत्र को न्यायालय ने मंजूर कर लिया है और आदेश
1 नियम 8 की अर्जी पर विरोधी पक्ष से आपत्ति मांगी। इस वाद की सुनवाई 23 फरवरी को
दोपहर 2 बजे से होगी। कोर्ट ने कहा, 13 वादों की पोषणीयता को प्लेसेस आफ वर्शिप
एक्ट के अन्तर्गत चुनौती दी गई है। इसमें सिविल वाद निरस्त करने की मांग है। अन्य 4 वादों की पोषणीयता पर आपत्ति नहीं है। न्यायालय ने मस्जिद पक्ष को 13 फरवरी तक का
समय दिया है। कहा है कि आगे समय नहीं दिया जाएगा।