Prayagraj news: साइबर फ्राड का मामला बढ़ने के बजाय कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसके झांसे में आकर हर कोई परेशान है। इस बीच साइबर फ्राड जैसे मामले को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साइबर ठगी के आरोपित बुधिसार शिकारी को जमानत पर रिहा करने से साफ इंकार कर दिया है। जहां कोर्ट का कहना है कि अन्य सहअभियुक्तों को मिली जमानत की पैरिटी नहीं दी जा सकती है। क्योंकि 1 लाख 838 हजार रुपये के साइबर फ्राड के याची पर किंगपिन अपराधी होने का आरोप लगा है।
घनश्याम ने साइबर थाना प्रयागराज में दर्ज कराई FIR
बता दें कि ये आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने याची की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है। बता दें कि घनश्यम नाम के युवक ने बताया कि उन्होंने एयरटेल के सिम में 598 का रिचार्ज कराया, लेकिन उनके बैंक खाते से रुपये कटने के बावजूद भी फोने में रिचार्ज नहीं हुआ। जिसकी जानकारी बैंक प्रबंधक को दी गई। लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं सका। परेशान पीड़ित घनश्याम ने साइबर थाना प्रयागराज में एफआईआर दर्ज कराई है।
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ठगी के अपराधियों को जमानत पाने का कोई अधिकार नहीं-कोर्ट
ऐसे में याचिकाकर्ता का ये कहना है कि वह निर्दोष है, फिर भी उसे दोषी माना जा रहा है, और बाकी सह अभियुक्तों को जमानत मिल चुकी है। इसलिए उसे भी जमानत पर रिहा किया जाए। लेकिन सरकार की तरफ से साफ कहा गया है कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है। जिस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने अपराध को गम्भीर माना है। जिसके चलते याची की जमानत अर्जी को निरस्त करने का फैसला लिया है। इस दौरान कोर्ट ने ये भी कहा है कि साइबर अपराध लोगों को अपने झांसे में फंसाकर आमजन की गाढ़ी कमाई हड़प लेते हैं। ऐसे अपराधियों को जमानत पाने का कोई अधिकार नहीं है।