Mainpuri news : मैनपुरी जिले से एक डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिससे नाराज राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक्शन लेते हुए डॉक्टर पर 22 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
दरअसल, मैनपुरी के निवासी रामतीर्थ को अचानक पेट में दर्द होने लगा था। जो बीते 29 अक्टूबर 2014 को मैनपुरी जिले के डॉ. पीके पाठक के नाम से पाठक हॉस्पिटल में इलाज के लिए गया, तो पता चला कि युवक हर्निया बीमारी से ग्रसित है। जहां डॉक्टर ने 30 हजार रुपये लेकर मरीज रामतीर्थ का ऑपरेशन किया।
सूचना के बाद भी पीड़ित को देखने नहीं आया डॉक्टर
मरीज का ऑपरेशन करने के बाद चीरा लगे हुए पेट में सिलाई करने के बजाय डॉक्टर ने सिर्फ पट्टियों से ही बांध दिया। जिसके बाद कुछ दवाईयां देने के लिए डॉक्टर ने अलग से दस हजार रुपये भी ऐठ लिये। हैरानी की बात तो ये रही कि, ऑपरेशन के करीब पांच घंटे बाद मरीज को खून की उल्टियां होनी शुरू हो गई, इतना ही नहीं, मरीज के चीरा लगे पेट से खून का बहाव भी तेजी से बढ़ने लगा। जिससे परेशान पीड़ित परिजनों ने डॉक्टर को सूचना दी। लेकिन, रात भर मरणासन्न अवस्था में होने के बावजूद भी डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आए।
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आरोपी डॉक्टर पर लगा 22 लाख रुपये का जुर्माना
वहीं डॉक्टर के इंतजार में बैठे मरीज का इलाज अशिक्षित नर्स के द्वारा किया गया, जिसके चलते उसकी हालत और भी ज्यादा खराब हो गई। हद दो तब हो गई जब मरीज को चार दिन बाद अस्पताल में रखने के बाद उसे जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं, लेकिन, परिजनों ने समझदारी दिखाते हुए अपने मरीज को दूसरे अस्पताल में जांच कराने पर पता चला कि हर्निया कटा हुआ है। जिससे चलते वो लीकेज हो रहा था। जहां सही ठंग से इलाज होने पर मरीज रामतीर्थ जल्द ही स्वस्थ हो गये।
इस मामले की भनक लगते ही प्रिसाइडिंग जज राजेन्द्र सिंह ने एक बड़ा एक्शन लिया है। जहां उन्होंने हर्निया मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में डॉक्टर पाठक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 22 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला लिया है।