लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने वर्ष 2024-25 का बजट विधानसभा में पेश किया। योगी आदित्यनाथ सरकार के आठवें बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर विशेष जोर दिया गया। विधानसभा में बजट पेश करके हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि बजट हर वर्ग को ध्यान में रख कर बनाया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट ऐतिहासिक और सर्व समावेशी होगा। बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री ने रामराज्य का भी जिक्र किया। सत्र 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश के इस बजट में 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपये का प्रवाधान किया गया है। जिसमें से 24 हजार करोड़ की लागत से कई नई योजनाएं संचालित होंगी।
बजट के प्रमुख बिंदु
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर
- त्वरित आर्थिक विकास योजना हेतु 2400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- जनपदों की स्थानीय आवश्यकताओं की तात्कालिकता को देखते हुए विभिन्न विकास कार्यों के क्रिटिकल गैप्स की पूर्ति हेतु क्रिटिकल गैप्स योजना के अन्तर्गत 95 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
- पूर्वांचल विकास निधि हेतु 575 करोड़ रुपये एवं बुन्देखण्ड विकास निधि हेतु 425 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2007 से 2017 तक प्रदेश में मात्र 2.51 लाख मकान निर्मित किए गये, जबकि वर्ष 2017 से अद्यतन उत्तर प्रदेश में लगभग 17.65 लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल लगभग 35,236 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तान्तरित की गई है। योजना हेतु लगभग 3948 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- वर्ष 2021 में शुरू की गई अमृत 2.0 योजना के लिए 4500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- महाकुम्भ मेला 2025 का भव्य आयोजन विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ किये जाने हेतु 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) के अन्तर्गत 800 करोड़ रुपये प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 60 प्रतिशत अधिक है।
- प्रदेश के शहरों को बाढ़ की समस्या एवं जलभराव से मुक्ति हेतु अर्बन फ्लड एवं स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना प्रारम्भ की गई है जिसके लिए 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित मलिन बस्ती विकास योजना हेतु 675 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना है।
- नगरीय सेवाएं और अवस्थापना विकास की नई योजना हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- राज्य स्मार्ट सिटी योजना हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 63 प्रतिशत अधिक है।
- कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु 400 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है।
- मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण- नए शहर प्रोत्साहन के अन्तर्गत टाउनशिप विकसित किये जाने हेतु वर्ष 2024-2025 के बजट में 3000 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 914 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 395 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- आगरा मेट्रो रेल परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 346 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
अयोध्या के सर्वांगीण विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। - लखनऊ विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोपवे सेवा विकसित किये जाने हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है
- सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन पर जोर
- उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत आगामी 5 वर्षों में 22000 मेगावॉट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में वर्ष 2017 में 288 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थी जो अब लगभग 2600 मेगावॉट है।
- प्रदेश में अब तक 328 मेगावॉट की सोलर रूफटॉप परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी है।
- अयोध्या एवं वाराणसी शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु अब तक लगभग 3.35 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना करायी जा चुकी है।
- पीएम कुसुम घटक सी-1 के अन्तर्गत निजी ऑनग्रिड पम्पों के सोलराईजेशन हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुना है।
- उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है।
- बिजली उत्पादन में वृद्धि
- वर्ष 2023-2024 में अप्रैल से दिसम्बर तक जनपद मुख्यालय पर 24 घन्टे, तहसील मुख्यालय पर 21ः34 घन्टे और ग्रामीण क्षेत्र में 18ः09 घन्टे विद्युत आपूर्ति की गई।
- वर्ष 2017-18 से 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किए जा चुके हैं।
- प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गई। इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए गए।
पारेषण तंत्र की कुल क्षमता जो वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाॅट थी, को वर्ष 2022-2023 में बढ़ाकर 28,900 मेगावाॅट तक किया गया है, जिसे वित्तीय वर्ष 2023-2024 तक बढ़ाकर 31,500 मेगावाॅट तक किया जाना लक्षित है। - भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कारिडोर-2 परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु 4000 मेगावाॅट क्षमता के सोलर पार्क का विकास किया जाना नियोजित है।
- वर्ष 2016-2017 में उत्पादन निगम लिमिटेड की इकाईयों का कुल विद्युत उत्पादन 33,556 मिलियन यूनिट था जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 39,746 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन प्राप्त किया गया है।
- ग्रीष्मकाल में अनवरत विद्युत आपूर्ति हेतु 2000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है।
- निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1800 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
- हवाई सेवा के लिए बेहतर कनेक्टिविटी
- प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस- उड़ान) तथा राज्य सरकार की उत्तर प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति के माध्यम से की जा रही है।
- पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में वायुयान द्वारा यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में 19.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
हवाई कनेक्टिविटी के लिए चयनित एयरपोर्ट्स यथा अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती तथा चित्रकूट को विकसित किया जा चुका है तथा म्योरपुर (सोनभद्र) और सरसावा (सहारनपुर) एयरपोर्ट्स का विकास कार्य प्रशस्त है। - अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम का विकास कराया गया है। अयोध्या में एयरपोर्ट की स्थापना एवं विस्तार हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- हवाई पट्टियों के निर्माण, विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण तथा भूमि अर्जन हेतु भूमि क्रय मद में 1100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
गौतमबुद्व नगर जिले के जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना कार्य एवं भूमि क्रय के लिए 1150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। - कृषि सिंचाई व्यवस्था के लिए बजट में क्या है खास
सरकार द्वारा 31 सिंचाई परियोजनायें पूर्ण की गई, जिससे 22 लाख 75 हजार हेक्टेयर से अधिक सिंचन क्षमता सृजित हुई। इसका लाभ 46 लाख 69 हजार कृषकों को प्राप्त हुआ। - विभिन्न जिलों में 6,600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इन कार्यों से लगभग 1.33 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनस्र्थापना होगी तथा लगभग 1.10 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।
- नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 1100 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं (नाबार्ड पोषित) के लिए 1530 करोड़ 60 लाख रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। - डार्क जोन के असफल 569 नलकूपो के लिए 70 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
- जल जीवन मिशन हेतु 22,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिसमें 2000 करोड़ रुपये की धनराशि अनुरक्षण मद हेतु है।
मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1020 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। - वर्षा जल संचयन एवं भू-जल संवर्द्धन योजना हेतु 80 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 51 प्रतिशत अधिक है।
- ग्राउंड वॉटर रीचार्जिंग एवं चेकडैम निर्माण हेतु 65 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 23 प्रतिशत अधिक है।
- सड़कों एवं परिवहन को लेकर बजट में क्या है
- राज्य राजमार्गों के चैड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्यों के लिए 2881 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- धर्मार्थ मार्गों के विकास हेतु 1750 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ रुपये तथा निर्माण हेतु 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- औद्योगिक- लॉजिस्टिक पार्क के लिए 4 लेन सड़कों के चैड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं निर्माण कार्य के लिए 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों का चौड़ीकरण एवं सदृढ़ीकरण, नवनिर्माण, पुर्ननिर्माण कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- रेलवे उपरिगामी- अधोगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1350 करोड़ रुपये एवं ग्रामीण सेतुओं हेतु 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- शहरों एवं कस्बों में ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए शहरों मेें फ्लाईओवर आदि के निर्माण हेतु 1000 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- औद्योगिक विकास को लेकर बजट में क्या है खास
- बुंदेलखंड क्षेत्र में एक नए औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) का गठन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अनुरूप बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक वाणिज्यिक और आवासीय टाउनशिप विकसित करने की योजना है।
- सेमी कंडक्टर, डाटा सेन्टर, स्टार्टअप एवं आईटी सेक्टर्स से संबंधित विशेष योजना के साथ ही वर्ष 2022 में इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिये नीति भी लागू की गई है।
- प्रदेश में डिफेंस काॅरीडोर में बड़े पैमाने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। डिफेंस कॉरीडोर के 6 नोड्स में से 3 नोड्स का आवंटन पूर्ण हो चुका है।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एफडीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 कम्पनियों के निवेश को आकर्षित करने के लिये फॉरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेन्ट एवं फॉर्च्यून 500 कम्पनियों के निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति- 2023 घोषित की है।
- किसी भी राज्य द्वारा बड़े पैमाने पर वैश्विक निवेश को आकर्षित करने का यह अपनी तरह का पहला प्रयास है। नीति के क्रियान्वयन हेतु 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- युवाओं को टैबलेट- स्मार्ट फोन वितरण के लिए बजट में क्या है प्रावधान
- स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत टैबलेट- स्मार्ट फोन वितरण के लिए 4000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वर्तमान वर्ष में 25 लाख से अधिक टैबलेट/स्मार्टफोन बाटे गये है यह प्रक्रिया गतिमान है।
- एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए
- गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए 2057 करोड़ 76 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है।
- आगरा- लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने हेतु नए लिंक एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- अटल इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 33 प्रतिशत अधिक है।
अवस्थापना और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में आज उत्तर प्रदेश एक अग्रणी प्रदेश के रूप में उभरा है। - स्वास्थ्य को लिए बजट में प्रावधान
- आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में 1600 हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर स्थापित किया जाना लक्षित है। 1035 राजकीय आयुर्वेदिक होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सालयों को हेल्थ वेलनेस सेन्टर्स में परिवर्तित किया जा रहा है।
- प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथी चिकित्सालयों के साथ ही 8 आयुर्वेदिक, 2 यूनानी तथा 9 होम्योपैथी कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय क्रियाशील हैं।
- वित्तीय वर्ष 2024-2025 में आयुष विभाग के अन्तर्गत प्रमुख रूप से महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किए जाने, जनपद अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की स्थापना किए जाने का लक्ष्य है।
- राजकीय आयुष महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों में औषधियों की समुचित व्यवस्था तथा 50 बेडेड एकीकृत आयुष चिकित्सालय 11 जनपदों में स्थापित है तथा 6 जिलों में भवन निर्माण पूर्ण हो चुका है।
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 7350 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर केयर यूनिट, इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना आदि कार्यों हेतु 952 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 322 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। - पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अन्तर्गत आबद्ध निजी चिकित्सालयों में कैशलेस उपचार की व्यवस्था की गयी है जिस पर कुल 150 करोड़ रुपये का व्यय भार अनुमानित है, जिसका पूर्ण वहन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।
- प्रदेश में 65 मेडिकल कालेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार एवं 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित है।
- वर्तमान में 45 जनपद मेडिकल कॉलेजों से आच्छादित किये जा चुके हैं व 14 जनपदों में केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल काॅलेज निमाणाधीन हैं। 16 असेवित जनपदों में निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल काॅलेज स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
- राजकीय क्षेत्र में बीएससी नर्सिग कॉलेजों की संख्या 6 से बढ़ाकर 23 की गई।
- वाराणसी जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया है इसके लिये 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
असाध्य रोगों की मुफ्त चिकित्सा सुविधा हेतु 125 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। - राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ट्रॉमा सेन्टर लेवल-द्वितीय को ट्रामा सेन्टर लेवल-एक ( 100 बेडेड) और एपेक्स ट्रामा सेन्टर (200 बेडेड) में उच्चीकृत किये जाने के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- बेहतर कानून व्यवस्था को लेकर सरकार सख्त
- सरकार प्रदेशवासियों को अपराध एवं भयमुक्त वातावरण देकर रामराज्य की संकल्पना को साकार करने में पूरी तरह सफल रही है।
विविध त्यौहारों एवं यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- 2023, आजादी का अमृत महोत्सव, जी-20 सम्मेलन, क्रिकेट विश्व कप-2023 जैसे वृहद आयोजनों को शान्तिपूर्ण एवं सुरक्षित ढंग से सम्पन्न कराया गया। - अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में किये गये प्रबंधों की सराहना देश-दुनिया से आये अतिथियों ने की ।
- वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2023 में डकैती के मामलों में 87 प्रतिशत, लूट में 76 प्रतिशत, हत्या में 43 प्रतिशत, बलवा में 65 प्रतिशत, फिरौती हेतु अपहरण में 73 प्रतिशत की कमी हुई है।
- ऑपरेशन त्रिनेत्र के अन्तर्गत 8,54,634 सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन किया जा चुका है।
- अप्रैल, 2017 से जनवरी, 2024 तक पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर 1,55,830 भर्तियाँ तथा 1,41,866 पदोन्नतियां की गई हैं।
- महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए सेफ सिटी परियोजना में महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, इंटीग्रेशन, डार्क स्पॉट्स का चिन्हीकरण एवं लाइट्स लगाना, हॉट प्वाइंट्स को चिन्हित करने, पिंक बूथों की स्थापना तथा बस- टैक्सियों में पैनिक बटन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024- 25 का बजट पेश किए जाने के दौरान यूपी विधानसभा का नजारा
- 3 महिला पीएसी बटालियन जनपद लखनऊ, गोरखपुर एवं बदायूं में स्थापित हैं। बलरामपुर, जालौन, मिर्जापुर, शामली और बिजनौर जिले में 5 अन्य पीएसी बटालियन स्थापित किए जाने की कार्यवाही की जा रही है।
- उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की 06 वाहिनियां गठित की गयी हैं। महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तीकरण के लिए 1,699 एण्टी रोमियों स्क्वॉयड का गठन कर अनवरत अभियान चलाया जा रहा है।
- समस्त थानों में साइबर क्राइम सेल गठित किया गया है। वर्तमान में सभी 75 जनपदों में साइबर क्राइम थाना संचालित है।
- उपचार के लिए लोगों को मिल रही सहायता
- होमगार्ड स्वयंसेवकों की मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को 05 लाख रूपये की अनुग्रह राशि दी जाती है। दुर्घटना बीमा योजनान्तर्गत, होमगार्ड्स को 30 लाख रूपये की बीमा सुविधा प्रदान की गई है।
- वर्ष 2007 से 2017 तक की 10 वर्ष की अवधि में मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 60,970 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता के रूप में 638 करोड़ 26 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के कार्यकाल में वर्ष 2017 से अद्यावधिक अर्थात 7 वर्ष में 1,61,962 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता के लिए 2,765 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं।
- राज्य सरकार के प्रयासों से मातृ मुत्यु दर वर्ष 2014 में 285 प्रति लाख से कम होकर वर्ष 2022 में 167 प्रति लाख और शिशु मृत्यु दर वर्ष 2014 में 48 प्रति हजार से कम होकर वर्ष, 2020 में 38 प्रति हजार हो गई है।
- वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2023 में एईएस (एक्यूट इन्सिफेलाइटिस सिन्ड्रोम) रोगियों की संख्या में 76 प्रतिशत तथा मृत्यु दर में 98 प्रतिशत की कमी एवं जेई (जापानी इन्सिफेलाइटिस) के रोगियों की संख्या में 85 प्रतिशत तथा मृत्यु में 96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। - सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में एमबीबीएस की सीटों की संख्या 1840 से बढ़कर कर 3828 हो गई है। निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 2550 से बढ़कर 5250 हो गई है। इस प्रकार कुल 9078 सीटें उपलब्ध हो गई हैं।
- सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में पी0जी0 सीटों की संख्या 741 से बढ़कर 1543 तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 480 से बढ़कर 1775 हो गई है। इस प्रकार पीजी की कुल 3318 सीटें उपलब्ध हो गई हैं।
- आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत 4 करोड़ 86 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए हैं। लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है।
- बेहतर बैंकिंग सुविधा
- प्रदेश की जनता को वर्तमान में बैंकों की 19,705 शाखाओं, 2,28,544 बैंक मित्र एवं बीसी सखी और 17,852 एटीएम के माध्यम से बैकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- प्रधानमंत्री जनधन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 9 करोड़ खातों के साथ उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 5 करोड़ 54 लाख नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1.90 करोड़ के नामांकन साथ उत्तर प्रदेश द्वितीय स्थान पर है।
- अटल पेंशन योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1 करोड़ 18 लाख नामांकन का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है।
- बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बजट में क्या है
- विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य में विकसित हो रही वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी से राज्य के उद्योगों में मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों को अपने माल के परिवहन में सुविधा उपलब्ध होगी जिससे प्रदेश से निर्यात बढ़ेगा।
- महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लोकार्पण से प्रदेश में चार अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित हैं। शीघ्र ही नोएडा के जेवर में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रारम्भ होने वाला है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पांच अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला भारत का एकमात्र राज्य बन जाएगा।
- समाज कल्याण को लेकर बजट में खास प्रावधान
- प्रदेश के लगभग 55 लाख वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से प्रदान की जा रही है।
- सभी वर्गों की पुत्रियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत एक जोडे़ के विवाह पर 51,000 रुपये अनुदान की व्यवस्था है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 1,00,874 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराते हुये 510 करोड़ रुपये का व्यय किया गया।
- भारत सरकार द्वारा निर्मित ‘ई-श्रम’ पोर्टल पर उत्तर प्रदेश के लगभग 8.32 करोड़ कामगारों का पंजीकरण हुआ है जो देश में सर्वाधिक है।
26 अगस्त, 2021 से 31 अक्टूबर, 2021 तक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 80.11 लाख श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता के अन्तर्गत 2 हजार रुपये की दर से लगभग 1600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। - निर्माण कामगार मृत्यु, विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना तथा निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजना को एकीकृत करते हुए नई योजना ‘निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना’ कर दिया गया है। समस्त योजनाओं में माह नवंबर, 2023 तक 40,183 कामगारों को लाभान्वित किया गया तथा 433 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की गई।
- निर्माण कामगार गम्भीर बीमारी सहायता योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में कराने पर इलाज के व्यय की शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति कराई जा रही है।
- युवा एवं रोजगार
- प्रदेश के 117 विकास खंडों में 124 ग्रामीण स्टेडियम और मल्टीपरपज हॉल का निर्माण किया गया है।
- प्रदेश की ग्राम पंचायतों में 53,800 युवक मंगल दल एवं 51,300 महिला मंगल दलों का गठन किया जा चुका है। इन दलों के माध्यम से युवाओं की सहभागिता राष्ट्रीय एवं सामाजिक महत्व के कार्यों में सुनिश्चित कराई गई है।
- कर्नाटक में 12 से 16 जनवरी, 2023 तक आयोजित 26वें राष्ट्रीय युवा उत्सव में उत्तर प्रदेश के लोकगीत की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक अर्जित किया।
- एमएसएमई सेक्टर में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत अब तक 22 लाख 389 लाभार्थियों को लाभान्वित करते हुये 1,79,112 रोजगार सृजित किए गए।
- एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजना के अन्तर्गत 13,597 लाभार्थियों के माध्यम से 1,92,193 रोजगार सृजित हुए।
- विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा एक जनपद एक उत्पाद कौशल उन्नयन एवं टूलकिट योजना के अन्तर्गत लगभग 4.08 लाख रोजगार सृजित हुए।
- एकेटीयू से संबद्ध लगभग 700 से अधिक संस्थानों के छात्रों के लिये लगभग 25 हजार रोजगार के अवसर पिछले शैक्षिक सत्र में उपलब्ध कराए गए।
- उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत 12.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया जिनमें से 4.13 लाख युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया।
- महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 28 करोड़ 68 लाख मानव दिवस सृजित कराते हुए 75 लाख 24 हजार श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया गया तथा वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 33 करोड़ मानव दिवस का सृजन किए जाने का लक्ष्य है।
- मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत वर्ष 2023-2024 में माह अक्टूबर, 2023 तक 408 लाभार्थियों को 1854.88 लाख पूंजीगत निवेश ऋण के साथ 7418 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
- महिलाओं के लिए बजट में क्या है खास
- निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दी गए है। योजना में 2023-2024 में तृतीय तिमाही तक 31 लाख 28 हजार निराश्रित महिलाओं को लाभान्वित किया गया।
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत पात्र बालिकाओं को 6 विभिन्न श्रेणियों में कुल 15000 रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2019-2020 से 2023-2024 तक 17.82 लाख लाभार्थियों को इस योजना से लाभान्वित किया जा चुका है।
- महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 200 उत्पादक समूहों का गठन करके तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाना लक्षित है।
- उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के अन्तर्गत जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को कोष के अन्तर्गत 1 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान किये जाने की व्यवस्था है।
- किसान कल्याण
- डार्क जोन में नए निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबन्ध को हटा लिया गया है जिससे लगभग एक लाख किसानों को सीधा फायदा हुआ।
- बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एकल रबी फसल की सिंचाई हेतु सीजनल टैरिफ का लाभ एवं अस्थाई विद्युत संयोजन की सुविधा प्रदान की गई।
- वर्ष 2023-2024 में माह अक्टूबर, 2023 तक लगभग 37 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण कराया गया।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 2022-2023 के लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को माह अक्टूबर, 2023 तक 831 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।
- किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत दिसम्बर, 2023 तक लगभग 63,000 करोड़ रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से 2 करोड़ 62 लाख कृषकों के खातों में हस्तान्तरित की गई।
- प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के अन्तर्गत प्रदेश के लघु एवं सीमांत कृषकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पुरूष एवं महिला दोनों के लिए 3000 रुपये की सुनिश्चित मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है।
- वर्तमान सरकार की ओर से वर्ष 2017 से 29 जनवरी, 2024 तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को 2 लाख 33 हजार 793 करोड़ रुपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 2 लाख 1 हजार 519 करोड़ रुपये से भी 20,274 करोड़ रुपये अधिक है।
- पेराई सत्र 2023-2024 के लिए गन्ने की अगैती प्रजाति का मूल्य 350 रुपये से बढ़ाकर 370 रुपये, सामान्य प्रजाति का 340 रुपये से बढ़ाकर 360 रुपये तथा अनुपयुक्त प्रजाति का मूल्य 335 रुपये से बढ़ाकर 355 रुपये प्रति कुन्तल हो गया है।