हर साल फरवरी महीने में पूरी दुनिया में ‘सुरक्षित इंटरनेट दिवस’ मनाया जाता है। इस अवसर पर युवाओं, बुजुर्गों और बच्चों को ये बताने की कोशिश की जाती है कि हमें इंटरनेट का इस्तेमाल किस तरह से करना है। वास्तव में देखा जाए तो आजकल इंटरनेट ने सभी काम बड़े आसान कर दिए हैं। इंटरनेट ने कार्यों को बड़ा सुगम बना दिया है। हर कोई जानता है कि आज की दुनिया इंटरनेट पर निर्भर हो चुकी है। अगर इसके कई फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी। जहां एक ओर इंटरनेट से हम काफी कुछ सीख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कहीं ना कहीं इससे बच्चों के ऊपर काफी नकारात्मक प्रभाव भी पड़ रहा है।
अगर समझदारी के साथ इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाए, तो निश्चित तौर पर हम सुरक्षित रहेंगे। इंटरनेट के मामले में सावधानी हटी,, दुर्घटना घटी वाला कथन एकदम सही साबित होता है। इंटरनेट यूज करने के दौरान एक छोटी से गलती आपको साइबर फ्रॉड का शिकार बना सकती है। यही वजह है कि नेट इस्तेमाल करते समय इसकी बेहतर समझ होनी बेहद जरूरी है।
आजकल हर काम इंटरनेट से ही होता है, अगर हमारे बीच से इंटरनेट की सेवा खत्म हो जाए तो फिर हम किसी काम के नहीं रह जाते। क्योंकि इसके बिना हर काम अधूरा है। ऑफिस का काम, पैसे ट्रांसफर करना, लेन-देन जैसी कई ऐसी सुविधाएं हैं जो आज के समय में इसके बिना नामुमकिन है। बच्चे, बड़े या बूढ़े भी अपने काम को बेहतर तरीके से करने और आसान बनाने के लिए इंटरनेट की सेवा का इस्तेमाल करते है।
बच्चों के लिए इंटरनेट कितना सुरक्षित ?
जब इंटरनेट की ये सुविधा,, धीरे-धीरे आदत बन जाए तो इसका दुष्प्रभाव भी सामने आने लगता है। ऐसा ही आजकल छोटे-छोटे बच्चों के साथ हो रहा है। बच्चों के लिए इंटरनेट, सुरक्षित होने के साथ ही असुरक्षित महौल भी पैदा
कर रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट के संपर्क में आने वाले करीब 85 प्रतिशत
बच्चे साइबर बुलिंग का शिकार हुए हैं। इसका प्रमुख कारण इंटरनेट गेमिंग है। दरअसल बच्चे मोबाइल पर अक्सर ऐसे गेम खेलते रहते हैं, जिससे
बच्चों के साथ साइबर बुलिंग की जा सकती है। इसको लेकर समय-समय पर स्कूल और अभिभावकों द्वारा बच्चों को सचेत किया जाना चाहिए।
साल 2024 की ये है थीम
2004 में यूरोपियन संघ द्वारा इंटरनेट को युवाओं के लिए सुरक्षित बनाने की खातिर “सुरक्षित इंटरनेट दिवस” की शुरुआत की गई थी। तब से लेकर आज तक दुनिया भर में इस दिवस को फरवरी माह में सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल भी इंटरनेट सेफर डे को छह फरवरी को मनाया जा रहा है। इस बार की थीम ‘एक बेहतर इंटरनेट के लिए एक साथ’ (Together for a Better Internet), बच्चों, माता-पिता, शिक्षकों, नीति निर्माताओं और उद्योग पेशेवरों सहित दुनिया भर के लोगों को एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण बनाने के लिए एकजुट होने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसका उद्देश्य सभी लोगो को मिलकर इंटरनेट सेवा को सुरक्षित बनाना है।
लड़कियां इस हेल्पलाइन नंबर का ले सकती हैं सहारा
इंटरनेट सुविधा को कुछ लोग अच्छे कामों के लिए इस्तेमाल करते हैं तो कुछ लोग इसका गलत फायदा उठाते हैं। खासतौर पर छोटी लड़कियों की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ करते हैं। इंटरनेट से हुई छेड़खानी मामलों से बचने के लिए महिलाओं को एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करवानी चाहिए, या फिर 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना चाहिए।
हमेशा उन सुरक्षित ऐप्स का उपयोग करना चाहिए, जो डेटा सिक्योरिटी काउंसिल आफ इंडिया द्वारा अनुमोदित हैं। कई बार तो लोग लोकल ऐप के जरिए धोखाधड़ी मामले में फंस जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि इंटरनेट का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से किया जाए।