Lucknow
News- योगी
सरकार उत्तर प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स
(ईवी) के प्रयोग एवं विनिर्माण को आधार देने के बाद अब ईवी उपयोग पोर्टल को और भी
ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए काम कर रही है। जिससे उत्तर प्रदेश की जनता को स्वच्छ ऊर्जा व स्वच्छ वातावरण दिया जा सके।
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उत्तर प्रदेश
को उत्तर प्रदेश बनाने को अग्रसर सीएम योगी की योजनाओं के अनुसार ईवी उपयोग पोर्टल को क्लाउड सर्वर पर होस्ट करने और इनवेस्ट
यूपी की ऑफिशियल वेबसाइट से इंटीग्रेट करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इसके लिए
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम ने इस प्रक्रिया को प्रारंभ
करते हुए एक वर्ष के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट एजेंसी को कार्यभार सौंपे जाने की
कार्रवाई शुरू कर दी है।
जानिए क्या है क्लाउड सर्वर और कैसे करेगी काम
क्लाउड सर्वर एक पूल बेस्ड सेंट्रलाइज्ड सर्वर
प्रोवाइडर है, जिसे एक नेटवर्क (आमतौर पर इंटरनेट) पर होस्ट और वितरित किया जाता
है। इसकी कई विशेषताओं में से, एक खास विशेषता ये भी है कि इस प्रक्रिया को लागू
करने के बाद इस सर्वर नेटवर्क को कई उपयोगकर्ताओं द्वारा मांग के अनुसार एक्सेस
किया जा सकेगा।क्लाउड सर्वर दुनिया में कहीं भी स्थित हो सकते हैं और
क्लाउड कम्प्यूटिंग के जरिए रिमोट एक्सेस से उपयोग में लाया जा सकता है। वहीं, इसके विपरीत
पारंपरिक डेडिकेटेड सर्वर हार्डवेयर आमतौर पर एक संगठन द्वारा विशेष उपयोग के लिए
परिसर में स्थापित किया जाता है। हालांकि कुछ मामलों में क्लाउड सर्वर को क्लाउड
प्रदाता द्वारा समर्पित सर्वर के रूप में भी कंफिगर किया जा सकता है। यह क्लाउड
स्टोरेज, डेटाबेस, नेटवर्किंग व
डेडिकेटेड साफ्टवेयर समेत तमाम खूबियों से लैस होगा। कॉस्ट एफेक्टिवनेस, स्केलेबिलिटी, इंटीग्रेशन, एपीआई कन्वीनिएंस
और रिलाइबेलिटी समेत साइबर सिक्योरिटी के प्वॉइंट ऑफ व्यू से क्लाउड सर्वर बेहतर
है।
इनवेस्ट यूपी की वेबसाइट के साथ इंटीग्रेट होने के
साथ ही यूपी डेस्को द्वारा ईवी उपयोग पोर्टल को क्लाउड सर्वर पर होस्ट करने की
विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। इसके लिए एक वर्ष के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
एजेंसी को कार्यभार सौंपा जाएगा। इस क्लाउड सर्वर व इंटीग्रेशन प्रक्रिया को मेइटी
इंपैनेल्ड सर्विस प्रोवाइडर द्वारा अंजाम दिया जाएगा। यह क्लाउड 4 कोर, 32 जीबी रैम
युक्त, 50 जीबी
एसएसडी, विंडो सर्वर 2019, 1 स्टैटिक आईपी एवं एक टीबी बैंडविड्थ तथा टेक्निकल सपोर्ट
युक्त 12 यूनिट्स
के जरिए किया जाएगा। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट एजेंसी इस इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित एवं
संचालित करने के साथ एक वर्ष की अवधि में मेंटेनेंस समेत तमाम तकनीकी प्रक्रियाओं
को भी पूर्ण करेगी।