Mahoba News-
महोबा
जिले में नाबालिग छात्रा का अपहरण और फिर दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को न्यायालय ने 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 15 हजार
रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह घटना साल 2018 में हुई थी।
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साल 2018 में उत्तर प्रदेश के
महोबा जिले में एक 13 वर्षीय छात्रा लापता हुई थी। जिसके बाद
छात्रा के पिता ने कबरई पुलिस थाने में तहरीर देकर अशंका जताई थी कि उसकी पुत्री
का अपहरण हो गया है। छात्रा के परिजनों ने रमेश खंगार के साले सुशील पर आरोप लगाया था। सुशील मूल रूप से बांदा जिले के थाना तिंदवारी के गुखरही गांव का रहने वाला है।
आरोपी
अपने जीजा रमेश खंगार के यहां रहकर क्रेशर प्लांट में मजदूरी का काम करता था। पिता की शिकायत
के आधार पर पुलिस ने आरोपी सुशील के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
मुकदमा लिखे जाने के बाद कबरई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से नाबालिक
लड़की को भी बरामद किया था।
इस
मामले में पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ नाबालिग लड़की का अपहरण करने और यौन अपराधों
से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया
था। इसमें महोबा पुलिस और अभियोजन पक्ष की पैरवी के बाद आरोपी सुशील को न्यायालय
ने 20 वर्ष का कठोर कारावास व 15 हजार
रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है। इस मामले को लेकर पॉक्सो न्यायालय के शासकीय
अधिवक्ता पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि पुलिस की विवेचना अभियोजन की पैरवी के
परिणाम स्वरुप न्यायालय ने आरोपी को सजा सुनाई है। इससे पीड़ित परिवार को भी न्याय
मिला है.