शिमला: बीते 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव के बाद से हिमाचल में सियासी हलचल तेज है। विपक्ष में बैठी BJP ने सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के खेमें में, सेंधमारी करते हुए 6 विधायकों को अपने पाले में कर लिया। जिसकी बदौलत राज्य की एक मात्र राज्यसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन ने जीत हासिल की। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा। अब क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 विधायकों को स्पीकर ने विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया है।
पार्टी लाइन से हटकर भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान करने वाले कांग्रेस के 6 विधायक अभी हरियाणा के पंचकुला में ठहरे हुए हैं। बताया जा कहा है कि बिगड़ते अंक गणित को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी विधायकों को सीएम हाउस में नाश्ते पर बुलाया था। जिसमें यह 6 विधायक नहीं पहुंचे। साथ ही इन 6 विधायकों के अलावा कांग्रेस के 4 और विधायक भी सीएम हाउस नहीं पहुंचे।
6 कांग्रेस विधायकों की विधानभा सदस्यता रद्द करने के बाद प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों के खिलाफ मुझे याचिका मिली थी। जिसके बाद मैंने विधिक सहायता लेने के बाद उन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। अब वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं हैं।
सुक्खू सरकार का बिगड़ा अंक गणित
68 सदस्यों वाली हिमाचल विधानसभा में, 2022 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 40 सीटें जीती थीं। लेकिन, अब कांग्रेस के 6 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी गई है। जिसके बाद बहुमत का आंकड़ा 32 हो जाता है। हालांकि कांग्रेस पार्टी के सदन में अभी 34 विधायक हैं। लेकिन 34 में से 4 विधायक मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित नाश्ता कार्यक्रम में नहीं पहुंचे थे। जिसमें सीएम सुक्खू के खिलाफ बगावती सुर अपनाए मंत्री विक्रमादित्य का नाम भी शामिल है। अगर यह 4 विधायक भी बगावत कर देते हैं, तो सुक्खू सरकार सदन में विश्वास मत खो देगी।