शिमला: राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग करने के बाद, अब सुक्खू सरकार में PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मड़राने लगे हैं। 27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश की 1 राज्यसभा सीट पर मतदान हुआ था। इसमें कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। जिससे कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सरकार सदन में विश्वास मत खो चुकी है।
मंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विधायकों के साथ कहीं न कहीं अनदेखी हुई है। विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की गई है, जिसके कारण हम आज इस कगार पर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि लगातार इन विषयों को पार्टी नेतृत्व के समक्ष भी उठाया गया है। लेकिन, उसको जिस तरह से सरोकार लेना चाहिए था, वो नहीं लिया गया।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित किया गया। जिस तरह के संदेश विभाग में भेजे जाते हैं, हमें कमजोर करने की कोशिश की गई। सरकार सभी के सामूहिक प्रयास से बनी थी,इ लिए मैं किसी भी दबाव में नहीं आने वाला। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ‘हमने पार्टी का हमेशा साथ दिया है। मैं आज सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि वर्तमान समय में मेरा बने रहना ठीक नहीं है। मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।’
विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा,’जो वास्तविक परिस्थितियां हैं उसके बारे में मैंने पार्टी हाईकमान को अवगत कराया है। अब गेंद उनके पाले में है, अब उन्हें फैसला लेना है कि उनका कदम क्या होगा। आने वाले समय में जो भी होगा वह पार्टी हाईकमान के साथ विचार-विमर्श करके किया जाएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह संगठन, पार्टी और इस राज्य के लोगों के व्यापक हित में लिया जाएगा।’