प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर वाराणसी में हैं। दूसरे दिन आज सोमवार को पीएम मोदी ने चौबेपुर उमरहा स्थित सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर धाम के प्रथम चरण के निर्माण का लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने संतों के साथ मंदिर परिसर में भ्रमण भी किया और इसके बारे में जानकारी ली। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
7 मंजिला ये मंदिर 35 करोड़ रुपए की लागत से 64 हजार स्क्वॉयर फीट (डेढ़ एकड़) में बनाया जा रहा है। मंदिर की सातों मंजिल पर 20 हजार लोग एक साथ मेडिटेशन कर सकेंगे। मंदिर प्रबंधन के अनुसार वर्ष 2004 से करीब 500 मजदूर लगातार मंदिर निर्माण में लगे हैं। इस मंदिर को बनाने का उद्देश्य है कि लोग मेडिटेशन, योग साधना और संस्कृति से जुड़ सकें। भारत के प्राचीन ऋषि, मुनियों के जीवन शैली से रूबरू हो सकें।
संत सदाफल महाराज के विश्व के दर्जनों देशों में सैकड़ों आश्रम हैं। इसमें सबसे बड़ा उमरहा में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर है। स्वर्वेद दो शब्दों से मिलकर बना है स्व: और वेद। स्व: का एक अर्थ है आत्मा, वेद का अर्थ है ज्ञान। स्व: का दूसरा अर्थ है परमात्मा, वेद का अर्थ है ज्ञान, जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, जिसके द्वारा स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे ही स्वर्वेद कहते हैं।
इस मंदिर में किसी विशेष भगवान की पूजा के बजाय मेडिटेशन किया जाता है और ये एक मेडिटेशन स्थल है। इस मंदिर में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें 3137 स्वर्वेद के दोहे लिखे गए हैं। इसमें कमल के आकार का खास गुंबद बना हुआ है। मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प की तरह है।