शनिवार को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष और हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा ने संतों के सानिध्य में ऐलान किया कि अगर ईदगाह कमेटी न्यायालय के बाहर समझौता करना चाहती है, तो हम उसको मेवात में 10 एकड़ जमीन व एक करोड़ रुपए देने को तैयार हैं। मुस्लिम समाज कथित ईदगाह से अपना दावा छोड़े।
दिनेश शर्मा ने कहा कि मुस्लिम समाज भाईचारा निभाना चाहता है, तो हम भी भाईचारे के नाते उसको मेवात में 10 एकड़ जमीन और एक करोड़ रुपए देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम ब्रजभूमि में कोई भी नई मस्जिद नहीं बनने देंगे।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि से ईदगाह मस्जिद को हटाने वाले केस के मुख्य वादी दिनेश शर्मा ने कहा कि इनकी मुस्लिम आबादी मेवात में ज्यादा है, इसलिए ये वहां मस्जिद बनवा लें, हम इनको मेवात में 10 एकड़ जमीन खरीद कर दे देंगे, साथ में एक करोड़ रुपए भी देंगे।
दिनेश शर्मा ने बताया कि मुस्लिम समाज के पास कोई भी साक्ष्य मौजूद नहीं है, जिससे वह ये साबित कर सकें कि ईदगाह मस्जिद पहले बनी थी और मन्दिर बाद में बना हो। उनके पास ये भी सबूत नहीं है कि मस्जिद के लिए उन्होंने जमीन खरीदी थी या इस जमीन पर केवल उन्होंने अवैध कब्जा किया था।
दिनेश शर्मा ने कहा कि मुस्लिम समाज को अपने मुगल शासकों की गलती को सुधारना चाहिए और न्यायालय के बाहर समझौते के लिए तैयार हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज हमेशा से शांति प्रिय रहा है। संपूर्ण विश्व जानता है कि हिंदुओं के मठ मंदिरों पर मुगल शासकों ने अवैध कब्जे किए और ये अवैध कब्जे न्यायालय के द्वारा हटेंगे, उनका पूरा विश्वास है।
उन्होंने कहा कि जितने भी प्राचीन साक्ष्य हैं, वह इस बात की गवाही दे रहे हैं कि यहां पर पहले भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर था। मुगल शासकों ने मन्दिर को कई बार तोड़ा और तोड़ करके हिंदुओं के मन्दिर पर अवैध कब्जा किया। हिंदू समाज हमेशा से न्यायालय पर विश्वास करता आ रहा है और जो भी न्यायालय फैसला करेगी उसका हिंदू समाज स्वागत करेगा।
दिनेश शर्मा ने कहा कि अगर मुस्लिम समाज न्यायालय के बाहर समझौता करने को तैयार है, तो हिंदू समाज भी न्यायालय के बाहर समझौता करने के लिए तैयार है। दिनेश शर्मा के साथ श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पाठक भी उपस्थित रहे।