दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में एक और आरोपी महेश कुमावत को गिरफ्तार किया है। आरोपी महेश राजस्थान के नागौर जिले का रहने वाला है और वह भी 13 दिसंबर को घटना वाले दिन दिल्ली आया हुआ था। इस मामले में अब तक कुल 6 लोग पकड़े गए हैं।
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पुलिस पूछताछ के दौरान सभी आरोपियों ने कई खुलासे किए हैं। महेश पर युवाओं को भड़काने के अलावा वीडियो के जरिए उनका ब्रेन वॉश करने का भी आरोप लगा है। आरोपी महेश ने ललित झा को छिपाने की भी कोशिश की थी। उसके इंस्टाग्राम पोस्ट से खुलासा हुआ है कि वह सिर्फ आरोपियों को लॉजिस्टिक सहायता ही नहीं उपलब्ध कराता था, बल्कि इस साजिश में वो भी जुड़ा हुआ था।
आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड ललित झा है। सभी आरोपी सोशल मीडिया के जरीए जुड़े थे और एक-दूसरे को काफी दिनों से जानते थे। ये लोग इस घटना को अंजाम देने के लिए कई दिनों से प्लानिंग कर रहे थे।
वहीं आरोपी मनोरंजन डी ने पुलिस को बताया कि उसने मार्च 2023 में संसद की सुरक्षा की रेकी की थी और फिर प्लान बनाया था। इसके अलावा आरोपी सागर शर्मा भी मार्च में सदन के अंदर जाना चाहता था, लेकिन उसे पास नहीं मिला था। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि मार्च में रेकी के दौरान उन्होंने गौर किया कि सदन के अंदर जाने से पहले गहन चेकिंग तो होती है, लेकिन जूतों की चेकिंग नहीं होती है। इस वजह से वे अपने जूतों में स्मोक स्टिक लेकर गए थे।
क्या है मामला ?
संसद पर आतंकवादी हमले की बरसी पर बुधवार को एक बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई थी। दो व्यक्ति (सागर शर्मा और मनोरंजन डी) शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा के अंदर कूद गए थे और उन्होंने पीले रंग का धुआं छोड़ा था। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया था। लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम देवी ने लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए नारे लगाए थे। पुलिस ने चारों को उसी समय पकड़ लिया था।
आरोपी ललित और महेश दोनों ने गुरुवार को नई दिल्ली इलाके के पुलिस स्टेशन में एक साथ सरेंडर किया था। ललित की गिरफ्तारी शुक्रवार को दर्ज की गई। महेश के चचेरे भाई कैलाश से भी पूछताछ की गई है, लेकिन पुलिस ने अब तक उसे गिरफ्तार नहीं किया है।