Prayagraj News- इलाहाबाद उच्च न्यायालय में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री
अमरमणि त्रिपाठी की याचिका पर दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है। बहस पूरी होने
के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। बता दें कि याचिका पूर्व मंत्री की सम्पत्तियों को कुर्क करने के आदेश के खिलाफ दी गई थी।
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यह है मामला
आपराधिक मामले में
बस्ती की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी को फरार घोषित किया है।
कोर्ट ने यूपी के डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह से उनकी सम्पत्तियों को जल्द से जल्द
कुर्क करने का आदेश दिया है। बस्ती की सेशन कोर्ट ने संपत्तियों को कुर्क किए जाने
के आदेश पर अमल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई थी। उसके बाद अमरमणि त्रिपाठी ने स्पेशल
कोर्ट के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जस्टिस संजय कुमार
सिंह की सिंगल बेंच में केस की सुनवाई हुई।
बता दें कि मामला व्यापारी
के बेटे के अपहरण से जुड़ा हुआ है। बस्ती जिले में 6 दिसम्बर 2001 को व्यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का अपहरण किया
गया था। जिसके बाद व्यापारी के बेटे को पुलिस ने लखनऊ स्थित अमरमणि त्रिपाठी के घर
से बरामद किया था। इस मामले में अमरमणि समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जेल
से छूटने के बाद भी इस मामले में अमरमणि कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। जिसके
बाद निचली कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित कर दिया और उनकी संपत्तियां कुर्क करने का
आदेश दिया। इस मामले में याची की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी में निचली कोर्ट
के कुर्की के आदेश पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है। कोर्ट में सरेंडर करने पर
जमानत पर रिहा किए जाने की भी गुहार लगाई गई है।