देवरिया हत्याकांड में मृतक प्रेम यादव का घर पर बुलडोज़र चलाने पर रोक
कलेक्टर के समक्ष दाखिल अपील के निस्तारण तक ढहाने पर रोक
प्रयागराज- इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) ने आज देवरिया में दो पक्षों के बीच जमीनी विवाद में हुई हिंसक झड़प मामले में मृतक प्रेम यादव का घर गिराने के तहसीलदार के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि तहसीलदार के 11 अक्टूबर 23 को पारित आदेश के खिलाफ यूपी रेवेन्यू कोड की धारा 67(5) के अन्तर्गत डीएम के समक्ष अपील पोषणीय है। ऐसे में कोर्ट ने याची को कहा कि वह तहसीलदार के आदेश के खिलाफ जिलाधिकारी के समक्ष उक्त धारा के तहत अपील फाइल करें। जिस पर डीएम अपना निर्णय लेंगे और अपील का निस्तारण करेंगे।
कोर्ट ने इस बीच याची को राहत देते हुए आदेश पारित किया की अपील के निस्तारण तक तहसीलदार के आदेश का क्रियान्वयन स्थगित रहेगा। यह आदेश जस्टिस सी के राय ने मृतक परिवार के सदस्य राम भवन यादव की याचिका पर पारित किया। वारदात के बाद तहसीलदार ने 11 अक्टूबर को घर गिराने का आदेश जारी किया था। 200 वर्ग गज में बने घर को गिराए जाने का तहसीलदार ने निर्देश जारी किया था। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को तहसीलदार के आदेश के खिलाफ दो हफ्ते में डी.एम. के यहां अपील दाखिल करने को कहा है। अपील दाखिल करने के बाद कोर्ट ने देवरिया के डीएम को अर्जी पर उचित फैसला लेने का निर्देश दिया है।
याची का कहना था कि उसे बिना सुनवाई का अवसर दिए तहसीलदार उसके भवन को गिराने जा रहे हैं। कहा यह भी गया कि तहसीलदार के आदेश के खिलाफ यूपी रेवेन्यू कोर्ट की उक्त धारा में कलेक्टर के यहां अपील पोषणीय है परंतु अपील दाखिल करने का समय नहीं है। दूसरी तरफ सरकार तथा ग्राम सभा की तरफ से उनके वकीलों ने याचिका का विरोध किया तथा कहा कि याचिका पोषणीय नहीं है, क्योंकि याची को तहसीलदार के आदेश के खिलाफ जिलाधिकारी के समक्ष अपील फाइल करने का अधिकार नहीं है।
यह भी पढ़ें- Mathura में मां ने दिव्यांग पुत्र को दी दर्दनाक मौत, फिर खुद भी लगाया फंदा
Deoria case: Court stays demolition till disposal of appeal