कोलकाता: केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू कर दिया। लेकिन, इस कानून के लागू होने के बाद विपक्षी दलों के कई नेता मोदी सरकार पर हमलावर हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस कानून को अपने राज्य में लागू ना होने की बात कही है। सीएम ममता ने कहा कि वह किसी भी हालत में बंगाल को डिटेंशन सेंटर नहीं बनने देंगी।
ममता बनर्जी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि मैंने भाजपा जैसी बेकार पार्टी कभी नहीं देखी। उन्होंने भाजपा को महिला विरोधी भी करार दिया। टीएमसी प्रमुख ने कहा कि असली हिंदू होने का अर्थ यह नहीं है कि बाहरी लोगों को हिंदू बनाया जाए। सीसीए की कानूनी वैध्यता पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे संदेह है कि केंद्र द्वारा लाया गया कानून वैध है भी या नहीं। इस कानून को लेकर केंद्र सरकार की स्पष्टता नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2019 में असम में NRC के नाम पर 13 लाख बंगाली हिंदू को लिस्ट से हटा दिया गया था। क्या अब उन लोगों को नागरिकता मिलेगी। ममता ने कहा कि जिन लोगों को आवेदन करने के लिए कहा जा रहा है, मैं आपको बता दूं… एक बार आवेदन करने के बाद आपको नागरिक होने के बावजूद शरणार्थी के रूप में चिह्नित किया जाएगा।
ममता ने कहा कि नागरिकता के लिए आवेदन करते ही ऐसे लोग घुसपैठिये बन जायेंगे। यह अधिकार छीनने का खेल है। अगर आप आवेदन करते हैं तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आपको नागरिकता मिलेगी या नहीं। आप अपनी संपत्ति खो देंगे। साथ ही सरकारी योजनाओं से वंचित रहेंगे। टीएमसी प्रमुख ने कहा कि चुनाव से पहले ये बीजेपी का प्लान है। आवेदन करने पर सारे नागरिक अधिकार छीन लिए जाएंगे। इसके लिए आवेदन करने से पहले हजार बार सोचें। सीएए NRC से जुड़ा हुआ है।