Uttar Pradesh News- 22 जनवरी को अयोध्या धाम में श्रीराम
मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए मेरठ के मंदिरों को भी भव्य तरीके से
सजाया जा रहा है। इन मंदिरों में कैंट स्थित औघड़ नाथ मंदिर, सदर क्षेत्र स्थित श्री बिल्वेश्वर
नाथ महादेव मंदिर, बुढ़ाना गेट स्थित श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर और धर्मधर्मेश्वर मंदिर, बाबा कालेश्वर मंदिर, बाबा मनोहर नाथ मंदिर, मां मनसा देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर, श्री पांडवेश्वर महादेव मंदिर आदि
को रंग-बिरंगे ढंग से सजाया जा रहा है। इन मंदिरों में 22 जनवरी को अखंड रामायण पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ कराया जाएगा।
यूपी के मेरठ जिले का प्राचीन नाम मय
राष्ट्र है। इसे मय दानव की नगरी भी कहा जाता था। मेरठ शहर के कोतवाली क्षेत्र स्थित टीले
को मय दानव का खेड़ा भी कहा जाता है। मय दानव की पुत्री मंदोदरी का
विवाह लंकापति रावण के साथ हुआ। जानकारों के अनुसार, कोतवाली के टीले पर स्थित महल से
मंदोदरी प्रतिदिन सदर क्षेत्र स्थित बिल्वेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने जाती
थीं। इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। मंदोदरी सूरजकुंड स्थित सरोवर में स्नान
करने भी जाती थीं। ससुराल होने के कारण रावण का मेरठ में भी आना-जाना था।
भव्य तरीके से मनाया जाएगा उत्सव
अयोध्या धाम से पूजित अक्षत को मेरठ में
घर-घर जाकर बांटा जा रहा है। राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के विकेश चौधरी के अनुसार, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने
वाली प्राण-प्रतिष्ठा को लोगों से ऑनलाइन देखने को कहा जा रहा है। इसके साथ
ही अयोध्या से पूजित अक्षत का वितरण भी किया जा रहा है। इससे लोग खुद को 22 जनवरी को होने वाले
प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से जुड़ा हुआ पा रहे हैं। अधिकांश लोगों ने 22 जनवरी के बाद अयोध्या धाम में
श्रीराम मंदिर के दर्शन करने का संकल्प भी लिया है।