Prayagraj News: प्रायगराज में जन्म के बाद अस्पताल में किलकारी मार रहे बच्चे को तीन महीने बाद मां की गोद नसीब हुई है। उसे दुष्कर्म की शिकार एक किशोरी ने जन्म दिया था। उसे आरोपियों ने धोखे से बेचने की कोशिश की। जब मामला खुला तो बाल कल्याण समिति सक्रिय हुई। अब बच्चा मां की गोद खेल रहा है। उसके बाद आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया गया है।
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प्रायगराज के सरायअकिल कोतवाली के महंगूपुर निवासी आरोपी युवक की ससुराल चरवा कोतवाली इलाके के एक गांव में है। उसने एक साल पहले अपनी 14 साल की साली के साथ दुष्कर्म किया था। जब कुछ महीनों बाद किशोरी में शारीरिक परिवर्तन हुआ तो उसे गर्भ ठहरने का शक हुआ। इसके बाद आरोपी युवक भाग गया। सितंबर माह में किशोरी के पेट दर्द की शिकायत पर उसका दूसरा जीजा दरहा गांव के झोलाछाप संदीप सरोज के पास ले गया। वो किशोरी को लेकर जनता पॉली क्लीनिक जयंतीपुर सरायअकिल ले गया। यहां बताया गया कि प्रसव का समय पूरा हो चुका है। अस्पताल संचालक डॉ. आशीष मिश्रा ने पीड़ित परिवार से 14 हजार लेने के बाद प्रसव कराया।
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उसके बच्चे को किशोरी को देने के बजाय एक वार्ड आया को दे दिया गया। पिछले दिनों अफवाह फैली कि शिशु को चार लाख में एक निसंतान दंपती को बेचा जा रहा है। इसे लेकर हल्ला मचा तो प्रकरण बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के संज्ञान में आया। तो उन्होंने किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी, झोलाछाप और चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा था। इस मामले पर थानाध्यक्ष का कहना है प्रकरण करीब तीन महीने पुराना है। शिशु को बाल कल्याण समिति के निर्देश पर उसकी मां को सौंपा गया है। श्रीवास्ती के एसपी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।