अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन कराने की तैयारियों पर मंथन किया गया। बैठक में ये भी तय किया गया कि अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय को अमेरिका और पेरिस में बने प्रख्यात म्यूज़ियम की तर्ज पर विकसित किया जाए।
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राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली-चेन्नई और अन्य संग्रहालयों से आए विशेषज्ञों ने निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के साथ निरीक्षण किया। राष्ट्रीय संग्रहालय के चीफ क्यूरेटर डॉ संजीव कुमार सिंह को ट्रस्ट की ओर से अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय को विभिन्न प्रकार से सुसज्जित और भव्यता प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है।
संजीव सिंह ने बताया कि संग्रहालय की दीर्घा को सुसज्जित करने के लिए निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि अमेरिका के मैट और पेरिस के म्यूज़ियम की तरह इसे विकसित करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रयास यही है कि ये संग्रहालय भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाए। उन्होंने बताया कि एक महीने तक अमेरिका में प्रवास के बाद वे अयोध्या आए हैं।
इस दौरान निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय को राज्य सरकार की ओर से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को हस्तांरित किए जाने के बाद अब ये ट्रस्ट की संपत्ति है। नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि इस संग्रहालय को भव्य स्वरूप दिया जाएगा, जिसकी कार्ययोजना बनाई जा रही है।
ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा के अनुसार दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को मंदिर की पूरब दिशा के सिंहद्वार से प्रवेश करना होगा। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन के बाद दक्षिण दिशा से परिक्रमा पथ के रास्ते परकोटे में प्रवेश होगा, जहां पर रामलला का प्रसाद वितरण किया जाएगा। राम मंदिर में आने वाले श्रद्धालु 30 फीट की दूरी से रामलला का दर्शन कर सकेंगे, जहां पर कोई पुजारी भी नहीं होगा।