मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर से सटे शाही ईदगाह परिसर के सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आ गया है। हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के ASI सर्वे को मंजूरी दी है। कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के सर्वे के लिए कोर्ट की निगरानी में एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग भी स्वीकार कर ली है।
ये भी पढ़ें- Ayodhya: PM मोदी वाटर मेट्रो का करेंगे उद्घाटन, तुलसीदास घाट से गुप्तार घाट के बीच होगा संचालन
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस की पोषणीयता और कोर्ट कमिश्नर भेजे जाने संबंधी अर्जी पर अपना फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति मयंक जैन की पीठ ने हिंदू पक्ष की याचिका पर सर्वे को मंजूरी दी। पीठ कुल 18 सिविल वादों की सुनवाई कर रही है।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के ASI सर्वे को मंजूरी दी है। हालांकि, ये सर्वे कब से शुरू होगा और इसमें कितने लोग शामिल होंगे, ये सब 18 दिसंबर को तय होगा।
दरअसल, ‘भगवान श्रीकृष्ण विराजमान’ और 7 अन्य लोगों ने वकील हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ASI सर्वे की मांग की थी। याचिका में दावा किया गया था कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीचे है और वहां कई संकेत हैं, जो बताते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था।
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के अनुसार, आवेदन में इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष यह प्रस्तुत किया गया था कि वहां एक कमल के आकार का स्तंभ है, जो हिंदू मंदिरों की विशेषता है। याचिका में कहा गया था, वहां ‘शेषनाग’ की एक छवि भी मौजूद है, जो हिंदू देवताओं में से एक हैं। उन्होंने जन्म वाली रात भगवान श्रीकृष्ण की रक्षा की थी। अदालत में यह भी प्रस्तुत किया गया कि मस्जिद के स्तंभों के निचले भाग पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी है। इस मामले में 16 नवंबर को आदेश सुरक्षित रखा गया था।