National Productivity Day 2024 : हर साल 12 फरवरी को राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस मनाया जाता है। ये 12 फरवरी का दिन राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद की स्थापना का एक प्रतीक है। जिसे हर साल 12 फरवरी को राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस कार्यक्रम को मनाने का उद्देश्य होता है कि, राष्ट्रीय उत्पादकता अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके अलावा नवाचार और दक्षता के महत्व को भी बढ़ाता है। इसलिए भारत देश इसे हर साल मनाने के लिए उत्सुक रहता है। ये भारत में मनाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है। ये दिन आर्थिक विकास को गति प्रदान करने और नागरिक जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने जैसे कार्यों का राष्ट्रीय उत्पादकता की बहुत बड़ी भूमिका को निभाता है। जिसकी वजह से देश विकास की गति की तरफ लगातार बढ़रता रहता है। इस दिवस को मनाने से देशभर में जागरूकता फैलती है। आपको याद दिला दे कि, इस उत्पादकता दिवस को भारतीय उत्पादकता सप्ताह के एक अभिन्न अंग के रूप में भी मनाते है। जिसे 12 फरवरी से 18 फरवरी तक मनाया जाता है।
राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस क्या है?
राष्ट्रीय उत्पादकता कार्यक्रम को हर साल 12 फरवरी को एनपीसी (NPC) के द्वारा मनाया जाता है, बता दें कि, एनपीसी इस कार्यक्रम को इसलिए मनाता है क्योंकि, इससे उपकरणों/तकनीकों के बारे में अधिक जागरूकता हो सके। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे और मध्यम उद्यमों में उत्पादकता और नवाचार के प्रति चेतना विकसित करना होता है। इसके अलावा संसाधनों के अधिकतम उपयोग द्वारा देश की समग्र उत्पादकता बढ़ाने के लिए लोगों के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना होता है।
राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस का इतिहास
जानकारी के अनुसार, भारतीय उत्पादकता दिवस का इतिहास राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद यानि की ( एनपीसी) स्थापना से जुड़ा होता है। क्योंकि, 12 फरवरी, 2022 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1960 के तहत इसे पंजीकृत कर दिया गया था। हालांकि, इस परिषद की स्थापना 12 फरवरी वर्ष 1958 में भारत सरकार के विभाग के तहत एक स्वायत्त संगठन के रूप में की गई थी। परिषद की स्थापना को चिह्नित करने के लिए हर साल 12 फरवरी के दिन राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया।
राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस थीम 2024
राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस 2024 का थीम ‘इनोवेट’ है। जिसका अर्थ होता है – “उच्च दिखना, ऊंचा उठाना, नए-नए टेक्नोलॉजी को विकसित करना और आगे बढ़ते रहना है। ये थीम सभी समुदायों को आगे लाने के साथ-साथ लगातार विकास हासिल करने के लिए भी जोर देती है।
राष्ट्रीय उत्पादकता का महत्व
राष्ट्रीय उत्पादकता से बढ़ती हुई उत्पादकता से उच्च उत्पादन और दक्षता प्राप्त होती है, जो आर्थिक वृद्धि-विकास में योगदान प्रदान करती है। इस दिवस की खास बात है कि ये उत्पादकता गरीबी और बेरोजगारी जैसे सामाजिक मुद्दों का समाधान करती हैं, जिससे एक अधिक न्यायसंगत समाज का निर्माण होता है।
ये भी पढ़ें: ‘राष्ट्र और राम से समझौता नहीं करूंगा…अब आजीवन मोदी के साथ रहूंगा’- आचार्य प्रमोद कृष्णम
साफ शब्दों में कहा जाये तो राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस भारत में उत्पादकता और निरंतर सुधार की संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य करता है। यह आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को उत्प्रेरित करता है। जो सभी के लिए उज्जवल भविष्य में योगदान को बढ़ावा देता है।