लखनऊ: विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में सदन को अवगत कराया। पूर्व की सपा सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘2017 से पहले उत्तर प्रदेश में जिन लोगों ने शासन किया, वे उत्तर प्रदेश को कहां लेकर गए? उन्होंने प्रदेशवासियों के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया था।
सीएम ने कहा यूपी का नौजवान पहचान छिपाने के लिए मजबूर था। नौजवान कहीं जाता था तो नौकरी नहीं मिलती थी। किराए पर कमरे की बात तो दूर होटल और धर्मशालाओं में भी कमरे नहीं मिल पाते थे। लेकिन आज उत्तर प्रदेश आगे बढ़ रहा है। प्रदेश ने 22 जनवरी 2024 की घटना को भी देखा है।
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मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘आज नव्य, दिव्य और भव्य अयोध्या को देखकर हर व्यक्ति अभिभूत है। ये कार्य बहुत पहले हो जाना चाहिए था। अयोध्यावासियों के लिए बिजली की व्यवस्था की जा सकती थी, वहां स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा दी जा सकती थीं। विकास के इन कार्यों को किन मंशा के साथ रोका गया था? सीएम ने कहा अगर मैं अयोध्या और काशी गया हूं तो नोएडा और बिजनौर भी गया हूं।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहीं नहीं रुके। उन्होंने पूर्ववर्ती सपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि माना राम मंदिर का विवाद कोर्ट में चल रहा था। लेकिन, वहां की सड़कें तो बनवाई जा सकती थीं, वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था को तो ठीक किया जा सकता था, वहां के लोगों को बिजली तो दी जा सकती थी। किंतु पूर्व की सरकार ने एक विशेष मंशा के तहत अयोध्या, मथुरा और काशी के विकास को अवरुद्ध किया।