श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान का श्रीगणेश
पत्नी के साथ यजमान बने डॉ. अनिल मिश्र
अयोध्या- श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के संयोजन में श्रीराम जन्म भूमि परिसर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सात दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का मंगलवार को शुभारंभ हो गया। पहले दिन प्रायश्चित और कर्मकुटी पूजन के लिए वाराणसी के वैदिक विद्वान ने रामघाट रामसेवकपुरम के निकट विवेक सृष्टि पहुंचे। मुख्य यजमान ट्रस्ट सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने पावन सलिल माँ सरयू में स्नान किया। इसके बाद अनुष्ठान के मुख्य यजमान के रूप में डॉ. मिश्र एवं उनकी धर्मपत्नी ने विधि विधान से पूजन-अर्चन किया।
रामघाट विवेक सृष्टि में प्रायश्चित व कर्म कुटी पूजन के साथ हुआ शुभारम्भ
समारोह को संपन्न कराने के लिए देश भर से 121 विद्वान आए हैं। यह सभी कर्म काण्ड पूरे विधि-विधान से काशी के विद्वान पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित की उपस्थिति में हो रहा है। विवेक सृष्टि के बाद अनुष्ठान आगे राम जन्मभूमि परिसर में किया जाएगा। इस दौरान रामलला की प्रतिमा का निर्माण करने वाले अरुण योगीराज भी उपस्थित रहे।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश में आएगा रामराज्यः भैयाजी जोशी
लखनऊ- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश जोशी उपाख्य भैयाजी जोशी ने कहा है कि लंका विजय से वापस आने पर भगवान राम ने अयोध्या में जिस प्रकार के राज्य की स्थापना की थी, उसी प्रकार मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश में रामराज्य आएगा। उन्होंने कहा कि हम पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं। भगवान राम के साथ त्रेतायुग में खड़ी वानर सेना के लोग ही आज रामजी के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। उस वक्त जो लोग विरोध कर रहे थे, उसी प्रकार के लोग आज भी विरोध कर रहे हैं।
भैयाजी जोशी मंगलवार को पांच कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हेरिटेज हैंडवीविंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से तैयार श्रीरामलला के वस्त्रों के अर्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर रामलला के लिए हैंडलूम से बने वस्त्र श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को समर्पित किए गए, ये वस्त्र रामलला धारण करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि समेत कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। भैयाजी जोशी ने कहा कि भगवान राम के चरणों में नमन करते हुए हथकरघा के कारीगरों के लिए प्रार्थना करता हूं। भगवान राम के लिए बने इन वस्त्रों में बड़ी संख्या में लोगों का योगदान है।
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उन्होंने कहा कि जब-जब समाज का सामान्य व्यक्ति खड़ा हुआ तो आंदोलन सफल हुआ। मेरा मानना है कि राम मंदिर आंदोलन में एक बार फिर जनसामान्य खड़ा हुआ। वह चाहे कारसेवा का कार्यक्रम रहा हो या फिर अब मंदिर निर्माण का कार्य, यह सब इसलिए हो पा रहा है क्योंकि हमारे अंदर राम नाम का दीया आज भी जल रहा है।
मुख्यमंत्री योगी बोले- जिनके जीवन में राम, वह तर जाता है
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम के बिना कोई कार्यक्रम नहीं होता है। कोई शुभ कार्य होता है तो रामायण का अखंड पाठ होता है। जन्म होता है तो राम, भोजन करते हैं तो राम, मिलते हैं तो राम और अंतिम यात्रा में भी राम का नाम लिया जाता है। यह दुनिया का इकलौता अदभुत उदाहरण है। सैकड़ों वर्षों तक धैर्य के साथ प्रतीक्षा करना, फिर कानूनी लड़ाई लड़ने का बहुत लम्बा क्रम चला, कितने लोगों ने श्रीराम मंदिर के लिए बलिदान दिया। जो राम के साथ खड़ा हुआ, वह तर गया। रावण हो या मारीच जो राम से अलग हुआ उसे समाज ने तिरस्कृत किया।