श्रीराम मंदिर के निर्माण के साथ ही राम जन्मभूमि परिसर में स्थित पौराणिक सीताकूप और कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्धार किया जायेगा। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने शुक्रवार को दी। ट्रस्ट की ओर से जारी पत्रक में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का पूरा विवरण दिया गया है। राम मंदिर के दक्षिणी भाग में पौराणिक सीताकूप है। वहीं दक्षिण पश्चिम भाग में कुबेर टीला स्थित है। कुबेर टीले पर इस समय जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है। वहां पर खुदाई में भी प्राचीन मूर्तियां मिली हैं। इसी टीले पर शिव मंदिर स्थित है। मान्यता है कि इस शिवलिंग की स्थापना कुबेर ने की थी। यह कुबेर टीला काफी ऊंचाई पर है।
परकोटे के चारों कोनों पर बनेंगे 4 मंदिर
राम मंदिर के चारों ओर परकोटे की लम्बाई 732 मीटर और चौड़ाई 4.25 मीटर होगी। परकोटे के चारों कोनों पर चार मंदिर बनाने का निर्णय ट्रस्ट ने किया है। चार कोनों पर भगवान सूर्य, भगवान शंकर, गणपति और देवी भगवती के मंदिर बनेंगे, जबकि परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर बनेगा।
परकोटे के दक्षिणी दिशा में निषादराज व माता शबरी के बनेंगे मंदिर
श्रीराम मंदिर के परकोटे के बाहर दक्षिण दिशा में प्रस्तावित ऋषियों के मंदिर के साथ ही माता शबरी, निषादराज व देवी अहिल्या का मंदिर बनेगा। वहीं राम जन्म से जुड़े ऋषियों में महर्षि वाल्मीकि,महर्षि वशिष्ट,महर्षि विश्वामित्र व महर्षि अगस्त का मंदिर बनाने का निर्णय ट्रस्ट ने किया है।
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