ऑस्कर अवॉर्ड विजेता फिल्म “स्माइल पिंकी” की मुख्य किरदार पिंकी का परिवार इन दिनों संकट से जूझ रहा है। बच्चों के कटे होठ को लेकर उनके जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म स्माइल पिंकी की मुख्य किरदार पिंकी के मीरजापुर में स्थित उसके गांव रामपुर ढबही में वन विभाग का नोटिस पहुंचने से हलचल मच गई।दरअसल पिंकी के पिता राजेंद्र सोनकर सहित गांव के 28 लोगों को कब्जा हटाने का नोटिस दिया गया है।
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वन विभाग ने जिस मकान से बेदखली का नोटिस भेजा है, उस मकान को डॉक्यूमेंट्री फिल्म स्माइल पिंकी के ऑस्कर अवॉर्ड जीतने के बाद पिंकी के परिवार को जिला प्रशासन ने ही बनवाकर दिया था। इसके साथ ही कई वादे भी किए थे। बता दें स्माइल पिंकी फिल्म को 2009 में ऑस्कर अवॉर्ड मिला था। उसी समय से रामपुर ढबही गांव की पिंकी शोहरत की बुलंदी पर पहुंच गई। इसके बाद पिंकी 2013 में ब्रिटेन में आयोजित विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले के लिए सिक्का उछाल कर टॉस कराने पहुंची थी। इस प्रसिद्धि के बावजूद पिंकी का परिवार गुमनामी के अंधेरे में जीवन गुजर-बसर करने को मजबूर है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रामपुर ढबही गांव में गाटा संख्या 966 वन भूमि है। इस पर 28 लोगों ने अतिक्रमण किया है। इसे खाली कराने के लिए नोटिस दिया गया है।
स्माइल पिंकी के पिता राजेंद्र सोनकर ने बताया कि 25 वर्षों से अधिक समय से वह वहीं पर रह रहे हैं। अब उनसे उनका घर खाली कराने के लिए कहा जा रहा है। घर से बेदखल होने पर उनके रहने के लिए कोई घर नहीं है। डीएफओ अरविंद राज मिश्रा ने बताया कि वन विभाग की भूमि पर घर बनाने को लेकर नोटिस दिया गया है। 28 परिवारों से बेदखली का जवाब मांगा गया है। इसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी। नोटिस जारी होने के बाद सभी ने जिलाधिकारी कार्यालय पर पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई।
पिंकी सोनकर का जन्म के बाद से ही होठ कटा हुआ था। वर्ष 2008 में फिल्म निर्माता मेगन माइलन ने कटे होंठ के बच्चों के जीवन पर आधारित 39 मिनट की डॉक्यूमेंट्री स्माइल पिंकी बनाई थी। 2009 में इस डाक्यूमेंट्री को आस्कर पुरस्कार मिला था। हिंदी और भोजपुरी में इस फिल्म को बनाया गया था। डाक्यूमेंट्री के माध्यम से कटे होठ वालों के सामाजिक तिरस्कार के बारे में दिखाया गया था।