9 नवंबर को भगवान श्रीराम की नगरी में होने वाली योगी कैबिनेट की बैठक में अयोध्या तीर्थ विकास परिषद, देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद और मुजफ्फरनगर के शुक्रताल धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन को हरी झंडी मिल सकती है। इन तीनों ही विकास परिषदों में मुख्यमंत्री अध्यक्ष होंगे और उपाध्यक्ष सरकार नामित करेगी। यूपी कैबिनेट से इन प्रस्तावों के पास होने के बाद विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में इन्हें रखे जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
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9 नवंबर को सुबह 11 बजे से होने वाली कैबिनेट की बैठक में भाजपा सरकार के मिशन 2024 को साधने के लिए रामराज परिकल्पना के प्रस्तावों को पारित किया जा सकता है। इस बैठक में धार्मिक, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और विकास से जुड़े मुद्दों पर भी मुहर लग सकती है।
अयोध्या में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले मकर संक्रांति एवं बसंत पंचमी मेला तथा बुलंदशहर में होने वाले कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले के प्रांतीयकरण के प्रस्ताव को हरी झंडी दी जा सकती है। हाथरस में प्रतिवर्ष होने वाले लक्खी मेला दाऊजी महाराज का भी प्रांतीयकरण होगा। मेले का प्रांतीयकरण होने के बाद सरकार इस मेले में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बजट में प्रावधान भी कर सकती है। इससे मेला और भव्य व सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न होगा।
बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन का भी निर्णय हो सकता है। इससे जलमार्ग परिवहन के विकास एवं नियोजन से जुड़ी गतिविधियों पर ये प्राधिकरण निर्णय लेगा।
महाराजगंज के सोहागीबरवा वन्यजीव प्रभाग के समीप पर्यटन की परियोजनाओं के लिए भूमि, पर्यटन विभाग को उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी बैठक में आ सकता है। कुल मिलाकर अयोध्या में लगने वाली कैबिनेट में लगभग दो दर्जन प्रस्ताव रखे जाएंगे। इनमें अयोध्या के जमथारा गांव में बनने वाले भारतीय मंदिर वास्तुकला संग्रहालय पर भी विचार संभव है।