राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत इस वक्त थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में हैं। वे यहां वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। शुक्रवार 24 नवंबर को संघ प्रमुख ने कहा है कि दुनिया एक परिवार है। हम सभी को आर्य यानि एक संस्कृति बनाएंगे। उन्होंने कहा कि अनुशासन का पालन करने के लिए सभी संप्रदायों को शुद्ध करने की जरूरत है।
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संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू परंपराओं में भले ही कुछ मतभेद हों, लेकिन ये धर्म का अच्छा उदाहरण पेश करती है। भागवत ने कहा कि हम धर्म विजय पर भरोसा करते हैं। इसी पर हमारा धर्म टिका हुआ है। यह प्रक्रिया धर्म नियम पर आधारित है और इसी के फलस्वरूप धर्म हमारे लिए कर्तव्य बन जाता है।
मोहन भागवत ने कहा कि ‘हमने धन विजय और असुर विजय का भी अनुभव किया है। धन विजय के मायने वस्तुओं से मिलने वाली खुशी से है, लेकिन इसमें इरादे ठीक नहीं होते। यह आत्मकेंद्रित होने जैसा है। देश ने 250 साल तक (अंग्रेजों की) धन विजय देखी।’ ‘असुर विजय यानी अन्य समुदायों के लिए अग्रेशन का भाव रखना। उन्होंने (मुस्लिमों ने) 5200 साल शासन किया। इससे हमारी धरती पर तबाही मच गई थी।’
बता दें कि वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस का आयोजन हर चार साल में होता है। वर्ल्ड हिंदू फाउंडेशन ने इस बार कार्यक्रम को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित किया है। ये कार्यक्रम 26 नवंबर यानि कल तक चलेगा।