उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहाँ पूर्व BJP सांसद के बेटे को बेड न मिलने से उसकी अस्पताल के स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दिया। BJP से बांदा के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा का आरोप है कि शनिवार रात 11 बजे वह बेटे को लेकर पीजीआई पहुंचे थे। वो डॉक्टरों से गुहार लगाते रहे लेकिन बेटे का इलाज नहीं किया गया। डॉक्टरों ने उनके बेटे को हाथ तक नहीं लगाया। उनके बेटे प्रकाश मिश्रा को किडनी की की बीमारी थी और SGPGI में उसका इलाज चल रहा था। तबीयत ज्यादा खराब होने पर आरोप है कि वहां तैनात मेडिकल ऑफिसर ने बेटे को भर्ती नहीं किया।
उपमुख्यमंत्री ने जिम्मेदार चिकित्सक को कार्यमुक्त किया
इस घटना का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के मुखिया ब्रजेश पाठक ने दोषी डॉक्टर को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है। वहीं भविष्य में इस तरह की घटना न हो SGPGI के डायरेक्टर को चेतावनी दी है।
सुबह 4 बजे SGPGI के डायरेक्टर और CMS मौके पर पहुंचे
र्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा के 42 वर्षीय बेटे प्रकाश गुर्दे की बीमारी जूझ रहे थे। उन्हें शनिवार रात को SGPGI लाया गया था। बेड और इलाज न मिलने से उनके बेटे ने स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दिया। बेटे की मौत के बाद बांदा से पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा समर्थकों के साथ इमरजेंसी में धरने पर बैठ गए। 29 अक्टूबर (रविवार) को सुबह 4 बजे जब SGPGI के डायरेक्टर और CMS धीराज मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर धरना खत्म हुआ। बता दें भैरा प्रसाद मिश्रा 2014 में बांदा से भाजपा सांसद चुने गए थे।
पूर्व CM अखिलेश यादव ने साधा सरकार पर निशाना
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में जब सत्ताधारी BJP के पूर्व सांसद के बेटे तक को इलाज नहीं मिल पा रहा है तो आम जनता के बारे में क्या कहना।
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