उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के आदेश पर आज सोमवार को कालपी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ उदय कुमार को निलंबित कर दिया गया है। नशे में ड्यूटी करने के आरोप में उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। डॉ उदय कुमार पर लगे आरोपों को गंभीरता से लेते हुए यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने उन्हें निलंबित करने के निर्देश दिए थे।
डॉ उदय कुमार को फिलहाल झांसी स्थित अपर निदेशक कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी निर्देश दिए गए हैं। डॉ उदय कुमार पर मरीजों की जांच,, निजी पैथोलॉजी से कराने का आरोप भी लगा है।
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क्या है पूरा मामला ?
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी में मरीजों की जांच निजी पैथोलॉजी पर कराने के चलते एक मरीज की मौत हो गई थी। हीरापुरस गांव के रहने वाले डालचन्द्र के 26 वर्षीय बेटे श्रीलाल की तबीयत बिगड़ गई थी। परिवार के लोग उसे लेकर पांच जुलाई को सीएचसी पहुंचे थे। सीएचसी अधीक्षक डॉ उदय कुमार ने मरीज श्रीलाल को खून संबंधी जांच लिखी। इसके साथ ही परिजनों से जांच अस्पताल में ना कराने की सलाह दी गई।
उन्होंने निजी पैथोलॉजी का पता बताया। लगातार दो दिनों तक मरीज को वहां भेजकर जांच कराई गई। मरीज दूसरे दिन निजी पैथोलॉजी नहीं पहुंच पाया। उसकी मृत्यु हो गई। मामले की जांच कराई गई। तब चिकित्सा अधीक्षक डॉ उदय कुमार द्वारा नशे में ड्यूटी किए जाने की बात सामने आई।
डॉ उदय कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल में पैथोलॉजी जांच की पर्याप्त सुविधाएं होते हुए भी जांच निजी पैथोलॉजी से कराई। इसके साथ ही मरीज को समय से एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराने का भी आरोप है। अधीक्षक द्वारा नशे में ड्यूटी करते हुए अपने दायित्वों में लापरवाही बरती गई। उप मुख्यमंत्री ने ट्वीट के जरिए यह जानकारी देते हुए बताया कि स्वाथ्य सेवाओं के प्रति किसी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।