वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग आकृति के पास स्थित वजूखाने का एएसआई सर्वेक्षण करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई है। याचिका में जिला जज वाराणसी के 21 अक्टूबर 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है। जिला जज ने अपने आदेश में वजूखाने का एएसआई सर्वेक्षण करने की मांग की अर्जी को खारिज कर दिया था। यह पुनरीक्षण याचिका राखी सिंह ने अधिवक्ता के माध्यम से दाखिल की है। राखी सिंह ने इसके पहले श्रृंगार गौरी पूजा के मामले में भी वाराणसी जिला न्यायालय में वाद कर रखा है।
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याची की ओर से वाराणसी जिला जज के समक्ष एक आवेदन दाखिल किया गया था, जिसमें मांग की गई थी, कि ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक क्षेत्र का पता लगाने के लिए वजूखाने (कथित शिवलिंग एरिया को छोड़कर) का सर्वेक्षण आवश्यक है। याची के आवेदन को जिला जज ने खारिज करते हुए कहा था कि 17 मई 2022 के अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने उसे क्षेत्र की सुरक्षा का आदेश दिया था। जहां, शिवलिंग पाए जाने की बात कही गई है। इसलिए एएसआई का सर्वेक्षण करने का निर्देश देना उचित नहीं है क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा।
जिला न्यायाधीश ने यह भी कहा है कि विशेष क्षेत्र को 2022 के मुकदमे में 21 जुलाई 2023 के पारित आदेश के तहत अदालत द्वारा आदेशित एएसआई सर्वेक्षण के दायरे से भी बाहर रखा गया था। याची की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका में इस बात का जोर दिया गया है कि वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण आवश्यक है। इससे वादी और प्रतिवादियों को समान रूप से लाभ होगा और उचित निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
बता दें कि 2 नवम्बर को वाराणसी जिला न्यायालय ने एएसआई को 17 नवम्बर तक ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण के बारे में अपनी रिपोर्ट अदालत में जमा करने का निर्देश दिया है।