Lucknow News: लखनऊ में उत्तराखंड महोत्सव का मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जन्मे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज पूरे देश में नाम है। लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल भी उत्तराखंड में जन्मीं और उत्तराखंड का गौरव बढ़ा रही हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने है तब से पूरे देश में उत्सव का माहौल है।
ये भी पढ़े: मुजफ्फरनगर के मदरसे में हरदोई के विवेक को बनाया बंधक, फिर धर्मपरिवर्तन कर बना दिया उमर, ऐसे खुला मामला
सीएम धामी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की यात्रा करके इतिहास रचा है। उत्तराखंड में 3,500 एकड़ पहाड़ पर हमारी सरकार ने अतिक्रमण हटाया है। तो मतांतरण रोकने के लिए सख्त कानून बनाया है। उत्तराखंड में सरकार से निर्देश मिलते ही समान नागरिक संहिता कानून लागू किया जाएगा। उत्तराखंड में नकल अध्यादेश लाकर परीक्षा को पारदर्शी बनाने और गरीबों के बच्चों को मौका देने का काम किया है। आप अपनी संस्कृति के विकास के लिए काम करें। आप सभी उत्तराखंड निवासी ही उत्तराखंड के ब्रांड अंबेसडर हैं।
ये भी पढ़े: मुजफ्फरनगर के मदरसे में हरदोई के विवेक को बनाया बंधक, फिर धर्मपरिवर्तन कर बना दिया उमर, ऐसे खुला मामला
सीएम धामी ने कहा कि पर्वतीय महापरिषद के अध्यक्ष गणेश चंद्र जोशी ने लखनऊ से देहरादून के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाने और लखनऊ-काठगोदाम एक्सप्रेस को प्रतिदिन चलाने की अपील की है। इसके लिए रेल मंत्रालय से बात करूंगा। सीएम धामी ने कहा कि श्रीराम के भाई लक्ष्मण नगरी से मेरा लगाव है। लखनऊ विश्वविद्यालय में मैं जहां पढ़ता था। उसके सामने हुनमान सेतु मंदिर है। यहां 10 साल तक रहा हूं। यह मेरी कर्मभूमि है। शर्माजी की चाय और पायनियर के पास बंद मक्खन का स्वाद कोई कैसे भूल सकता है।
ये भी पढ़े: मुजफ्फरनगर के मदरसे में हरदोई के विवेक को बनाया बंधक, फिर धर्मपरिवर्तन कर बना दिया उमर, ऐसे खुला मामला
उत्तराखंड महापरिषद के संस्थापक रहे गोविंद बल्लभ पंत और नारायण दत्त तिवारी समेत सभी महानविभूतियों को नमन करता हूं। उत्तराखंड के लोगों ने दुबई और लंदन में उत्तराखंड की संस्कृति को संजोए रखा है। मैं सभी से अपील करता हूं कि साल में एक बार उत्तराखंड जरूर आएं। इस अवसर पर उत्तराखंड महापरिषद की ओर से पर्यावरण को लेकर कार्य करने वाले चंदन सिंह न्याल को उत्तराखंड गौरव सम्मान दिया गया। इस 10 दिवसीय मेले में खानपान के साथ ही पर्वतीय जड़ी-बूटियों के स्टाल आकर्षण मुख्य केंद्र हैं।