वकीलों को झूठे केस में फंसाकर ब्लैकमेल कर धन उगाही करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विचाराधीन याचिका में सीबीआई डायरेक्टर को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। मामले की प्रारम्भिक जांच कर रही सीबीआई को जांच पूरी करने का समय देते हुए अगली सुनवाई 30 जनवरी को तय की है। इसके साथ ही कोर्ट में हाजिर सीबीआई क्राइम ब्रांच लखनऊ के डिप्टी एसपी हरजीत सिंह सचान को अगली तिथि पर भी हाजिर रहने का निर्देश दिया है।
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ये आदेश न्यायमूर्ति डॉ गौतम चौधरी ने निक्की देवी की धारा-482 के तहत दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने अधिवक्ता राजेश कुमार गौतम, मुजीब अहमद सिद्दीकी व मुशीर अहमद सिद्दीकी के गैंग लीडर रोशन जहां सिद्दीकी के खिलाफ जांच की मांग में अर्जी दी गई है। इसमें कहा गया कि गैंग के सम्बंध दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से है। इसके खिलाफ शिकायत पर बार काउंसिल की अनुशासनात्मक कमेटी ने रोशन जहां सिद्दीकी का लाइसेंस निरस्त कर दिया है और दस साल के लिए देश में वकालत करने पर रोक लगा दी है।
याचियों का कहना था कि राजेश कुमार गौतम ने कोरोना के समय रोशन जहां को दस हजार नगद व 15 हजार यूपीआई के जरिए दिया था। वापस मांगा तो फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी। इस मामले में प्रयागराज के कैंट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। काउंटर ब्लास्ट में तीन माह बाद रोशन जहां ने भी कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
इसकी भी जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने कहा बार काउंसिल ने कार्रवाई की है। याची ट्रायल कोर्ट में कंटेस्ट कर सकते हैं। अलग से आदेश की जरूरत नहीं है। सीबीआई अधिवक्ता ने बताया कि थाना हनुमानगंज, कुशीनगर के आरपीएल श्रीवास्तव व सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव के मामले की प्रारम्भिक जांच सीबीआई ने पूरी कर ली। शेष की जांच पूरी करने के लिए समय मांगा। कोर्ट के आदेश पर सीबीआई के डिप्टी एसपी कोर्ट में हाजिर थे।