एक्सप्रेसवे निर्माण के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश लगातार इतिहास रचता जा रहा है. सीएम योगी द्वारा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को राष्ट्र को समर्पित करते ही यूपी के पास देश के कुल एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे नेटवर्क का 42% हिस्सा हो गया है, जो पहले सिर्फ 38% था.
मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे (594 किमी) के उद्घाटन के बाद उत्तर प्रदेश देश के एक्सप्रेसवे नेटवर्क में 62% हिस्सेदारी तक पहुंच जाएगा, जो अपने आप में नया कीर्तिमान होगा. तब 10km में 6km एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में होंगे.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार, देशभर के कुल 2,900km एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे हैं. जिसमें से 1,200km से अधिक यूपी में हैं, जो गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे बनने से 42% हो गया है.
7,200 करोड़ की लागत से बना गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के लोकार्पण से पूर्वाचल की आर्थिक स्थिति बदलने वाली है. एक्सप्रेसवे को बनाने में 22,000 किसानों से 1,100 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है. जिसका उन्हें मुआवजा भी मिला है. उत्तर प्रदेश देश का पहला और इकलौता राज्य है जहां 7 एक्सप्रेसवे पूर्ण, 3 निर्माणाधीन और 8 प्रस्तावित हैं.
गंगा एक्सप्रेसवे (594km), बलिया लिंक (35km), लखनऊ-कानपुर ग्रीनफील्ड (63 km), चित्रकूट लिंक, जेवर एयरपोर्ट लिंक, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे व फर्रूखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से हो रहा है.
उत्तर प्रदेश इकलौता राज्य है जहां 2000km से भी ज्यादा एक्सप्रेसवे नेटवर्क की योजना पर काम चल रहा है. इतने विशाल एक्सप्रेसवे नेटवर्क से प्रदेश का कोना-कोना जुड़ने वाला है. जिससे बुंदेलखंड, पूर्वांचल और तराई जैसे क्षेत्रों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा.
यूपी से पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाला 700Km लंबा एक्सप्रेसवे
यूपी से पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाला 700Km लंबा नया एक्सप्रेसवे बनने की तैयारी चल रही है. यह परियोजना भारतमाला योजना के तहत विकसित की जाएगी. जिससे सुगम यात्रा के साथ-साथ व्यापार, पर्यटन और सामरिक जरूरतों को भी मजबूती मिलेगी.
यह एक्सप्रेसवे भारत-नेपाल सीमा के समानांतर बनेगा और गोरखपुर, शामली और मुरादाबाद जैसे यूपी के 22 जिलों को जोड़ेगा. जिससे शामली से गोरखपुर की दूरी जो अभी 850 किमी है, घटकर 700 किमी रह जाएगी. एक्सप्रेसवे का सर्वे सैटेलाइट तकनीक और रिमोट सेंसिंग के माध्यम से हो रहा है.
यह एक्सप्रेसवे मुरादाबाद जिले की 45km की सीमा तक गुजरेगा, जिससे वहां की कनेक्टिविटी बेहतर होने के साथ रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे.
एक्सप्रेसवे यूपी के 22 जिलों से होकर गुजरेगा, जिसमें गोरखपुर, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखनऊ, अयोध्या सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदांयू, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली होकर गुजरेगा.
एक्सप्रेसवे अंबाला-शामली इकोनॉमिक कॉरिडोर, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे व आज़मगढ़ लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़कर दिल्ली से पूर्वी यूपी तक पहुंच को बढ़ाएगा. यह एक्सप्रेसवे फोर लेन का होगा. जरूरत पड़ने पर इस पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग भी कराई जा सकेगी.
लखनऊ में 50km का नया एक्सप्रेस-वे
लखनऊ में एक नया 50km लंबा सिक्स लेन का एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है. यह एक्सप्रेस-वे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से सीधे जोड़ेगा. परियोजना का उद्देश्य लखनऊ शहर में बढ़ते यातायात दबाव को कम करना है. साथ ही पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच कनेक्टिविटी स्थापित करेगा.
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है. निर्माण कार्य कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसी वर्ष 2025 में शुरू करने की तैयारी है.
परियोजना की अनुमानित लागत करीब 5 हजार करोड़ रुपये रखा गया है. जिसमें 597 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण भी शामिल है. प्रारंभ में यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, किंतु भविष्य में इसे 8 लेन तक किए जाने की भी तैयारी की जा रही है. एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम गति 120 किमी/घंटा निर्धारित होगी.
एक्सप्रेसवे के निर्माण से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जाने वाले प्रतिदिन करीब 70,000 वाहन शहर के बाहर-बाहर निकल जाएंगे, जिससे अवध चौराहा, तेलीबाग, अर्जुनगंज, गोसाईंगंज जैसे बिजी इलाकों में लगने वाली भारी ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का सीएम योगी ने किया उद्धाघटन
बीते शुक्रवार 20 जून को सीएम योगी ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्धाघटन किया. इस एक्सप्रेसवे का निर्माण दियारा जैसी चुनौतीपूर्ण भौगोलिक क्षेत्र में किया गया है.
गोरखपुर एक्सप्रेसवे का मुख्य केंद्र जैतपुर होगा, यहां 3 प्रमुख मार्ग 1- गोरखपुर-सिलीगुड़ी 2- गोरखपुर-शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 3-लखनऊ-बिहार फोरलेन को आपस में जोड़ेगा. साथ ही पूर्वांचल, पश्चिमी यूपी, बिहार और बंगाल के बीच संपर्क का नया माध्यम बनेगा. साथ ही यह एक्सप्रेसवे निवेशकों को आकर्षित करने का मुख्य आधार बन गया है.
एक्सप्रेसवे के किनारे PepsiCo, कोका-कोला, बिसलेरी, अडानी, श्रीराम सीमेंट फैक्ट्री, अपोलो टायर्स, कपिला कृषि उद्योग जैसी बड़ीं कंपनियां निवेश कर चुकी हैं.
गोरखपुर से शामली तक बन रहा 700Km का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जैतपुर में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा. इसके चलते पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी के बीच की दूरी 15 से घटकर सिर्फ 8 घंटे रह जाएगी. दिल्ली, पंजाब और हरियाणा का संपर्क आसान हो जाएगा.
गोरखपुर-सिलीगुड़ी 6 लेन एक्सप्रेसवे जैतपुर से शुरू होकर बिहार के विभिन्न जिलों से गुजरते हुए सिलीगुड़ी (बंगाल) तक जाएगा. 525 किमी लंबे इस मार्ग की गति सीमा 120 किमी/घंटा होगी.
यह मार्ग नेपाल सीमा के समानांतर चलते हुए बिहार, नेपाल, बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों तक एक्सेस देगा, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और लॉजिस्टिक्स की लागत भी घटेगी.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस का प्रारंभ बिंदु जैतपुर है, जबकि अंतिम पड़ाव सलारपुर होगा. एक्सप्रेस की लंबाई 91.35 किमी है. जिसको बनाने में ₹7,283.28 करोड़ की लागत आई है. यह गोरखपुर, आजमगढ़ समेत 4 राज्यों को जोड़ेगा. जिसका निर्माण अगले 5 वर्षों में पूरा हो जाएगा.
यूपी के एक्सप्रेस वे
1-यमुना एक्सप्रेसवे
यूपी का यमुना एक्सप्रेसवे दिल्ली को आगरा से जोड़ता है. इसे ताज एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है. यह एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवे है, जिस पर कई महत्वपूर्ण पुल 7 इंटरचेंज हैं. यमुना एक्सप्रेसवे बनने से दिल्ली से आगरा के बीच यात्रा 2 से 2.30 घंटे की रह गई है. इस एक्सप्रेसवे को वाहनों की सुरक्षा को देखते हुए बनाया गया है.
एक्सप्रेसवे के प्रत्येक 25 किमी हिस्से पर पेट्रोलिंग होती है. यमुना एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 165.5 किमी है. वर्तमान में यह एक्सप्रेस वे 6 लेन का है, जिसे 8 लेन तक विस्तार करने की योजना है.
इस परियोजना में कुल परियोजना 13,300 करोड़ रुपये की आई है. एक्सप्रेसवे का प्रारंभिक बिंदू ग्रेटर नोएडा के परी चौक से है दो आगरा में कुबेरपुर पर समाप्त होता है.
2- नोएडा – ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 24.53 किलोमीटर है. यह एक महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे है जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा को सीधे तौर पर जोड़ता है. एक्सप्रेसवे कुल 6 लेन का है. एक्सप्रेसवे हाई-स्पीड ट्रैफिक के लिए उपयुक्त बनाया गया है.
परियोजना की कुल लागत लगभग 400 करोड़ रुपये रही है. यह निवेश यूपी के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है.
एक्सप्रेसवे की शुरुआत नोएडा के महामाया फ्लाईओवर से होती है. इस एक्सप्रेसवे का समापन बिंदु नोएडा के परी चौक पर होता है.
2- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 302 किमी है. यह यूपी का एक प्रमुख ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, जिसे विशेषतौर पर हाई-स्पीड यात्रा के लिए डिजाइन किया गया है.
इस एक्सप्रेसवे में कुल 6 लेन हैं. भविष्य में इसे 8 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है.एक्सप्रेसवे का डिजाइन वाहनों की तेज रफ्तार व अधिक ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए किया गया है.
एक्सप्रेसवे निर्माण में कुल लागत करीब ₹15,000 करोड़ आई है. यह देश के सबसे महंगे और अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स में से एक है.
एक्सप्रेसवे का प्रारंभिक बिंदु आगरा के एत्मादपुर मदरा गांव है जो यमुना एक्सप्रेसवे के करीब स्थित है. वहीं, एक्सप्रेसवे का अंतिम पड़ाव मोहान रोड के पास सरोसा भरोसा गांव है.
यह एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे से भी जुड़ा है, जिससे दिल्ली से लखनऊ तक की यात्रा और अधिक तेज़ तथा सुविधाजनक हो जाती है.
4- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 96 किलोमीटर है. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली व यूपी के बीच यात्रा को तेज और आरामदायक बनाने के लिए किया गया है.
एक्सप्रेसवे को सिक्स लेन के रूप में विकसित किया गया है. कुछ हिस्सों को 8 लेन तक विस्तार किया गया है.
इस परियोजना की कुल लागत ₹7,855.87 करोड़ है.
एक्सप्रेसवे दिल्ली के निजामुद्दीन पुल प्रारंभ होता है, जो मेरठ बाईपास पर आकर समाप्त होता है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का उद्घाटन अप्रैल 2021 में किया गया था. इसके बन जाने से दिल्ली से मेरठ की यात्रा का 1 घंटे की बची है.
5- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन नवंबर 2021 में पीएम मोदी ने किया था. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे यूपी के 9 प्रमुख जिलों को जोड़ता है. जो गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, अयोध्या, सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी और लखनऊ होकर गुजरता है.
एक्सप्रेसवे 6 लेन है जिसकी लंबाई 340.82 किमी है. जिसको बनाने में कुल 22,494 करोड़ रुपये की लागत आई है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का प्रारंभिक बिंदु लखनऊ जिले के चांद सराय गांव से है, जो गाजीपुर जिले के हैदरिया गांव, NH-31 पर समाप्त होता है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण से पहले लखनऊ से गाजीपुर तक यात्रा करने में 15 घंटे लगते थे, अब सिर्फ 10 घंटे में पूरी हो जाती है.
6- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने किया है. यूपी में सबसे तेज गति से बनने वाले एक्सप्रेसवे में से एक है. इसके निर्माण में कुल 28 महीने लगे.
यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के 7 जिलों से होकर गुजरता है. जिसमें चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया व इटावा जिले हैं. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ता है.
7- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से लिंक एक्प्रेसवे
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन जुलाई 2022 में हुआ. जिसकी लंबाई 296.07 किमी है. यह 4 लेन का एक्सप्रेसवे है, जिसे भविष्य में 6 लेन किए जाने का प्लान है. एक्सप्रेसवे चित्रकूट से प्रारंभ होता है और इटावा में समाप्त होता है. यहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ता है.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को बनाने में 7,766.81 करोड़ रुपये की लागत आई है. इसे UPEIDA ने बनाया है. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को दो नए एक्सप्रेसवे, झांसी लिंक एक्सप्रेसवे और चित्रकूट एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा. जो झांसी और चित्रकूट धाम से निकलेंगे. योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में इन दोनों एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी थी. योगी सरकार ने कुल 235 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया.
ये दोनों नए एक्सप्रेसवे यूपी डिफेंस कॉरिडोर के 6 प्रमुख नोड्स को भी जोड़ते हैं. इसके पूरा होने पर यह कॉरिडोर यूपी को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन और औरैया जिलों से होकर गुजरता है, यह जिले यूपी के अन्य क्षेत्रों से अपेक्षाकृत पिछड़े क्षेत्रों में गिने जाते हैं.
8- गंगा एक्सप्रेसवे (यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे)
गंगा एक्सप्रेसवे यूपी की महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड परियोजना है. जिसकी कुल लंबाई 594 किमी होगी. यह मेरठ के बिजौली गांव से प्रारंभ होकर प्रयागराज जिले के जुडापुर दांडू गांव तक जाएगा.
यह एक्सप्रेसवे यूपी के 12 जिलों को जोड़ेगा. 6 लेन वाले इस एक्सप्रेसवे की चरण-1 परियोजना पर अनुमानित लागत ₹37,350 करोड़ है. एक्सप्रेसवे की अन्य मुख्य सड़कों व एक्सप्रेसवे से जुड़ी कनेक्टिविटी होगी. इसके दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
9- लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (यूपी का प्रमुख हाई-स्पीड कॉरिडोर)
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे यूपी का एक महत्वपूर्ण और अनूठा 6 लेन का हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे है. इसकी कुल लंबाई 62.76 किमी है. यह शहीद पथ, लखनऊ से प्रारंभ होकर कानपुर तक जाएगा. यह लगभग 3.5 किमी तक यह NH25 के समानांतर चलेगा. ₹4,700 करोड़ की लागत से बन रहा यह एक्सप्रेसवे नेशनल एक्सप्रेसवे 6 के नाम से जाना जाता है.
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से लखनऊ और कानपुर के बीच ट्रैफिक दबाव में उल्लेखनीय कमी आएगी और यात्रा का समय भी कम होगा. इसका निर्माण कार्य जुलाई 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
10-गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे (यूपी का आगामी औद्योगिक कॉरिडोर)
गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे यूपी का एक प्रस्तावित 4 लेन का एक्सप्रेसवे है. इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 380 किमी होगी. जो औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दो बड़े शहर, गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ेगा. एक्सप्रेसवे के बनने से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय 6 घंटे से घटकर महज 3 घंटे रह जाएगा.
गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे 9 जिलों….गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव और कानपुर से होकर गुजरेगा. इस परियोजना के 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
11-गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे एक 520 किमी लंबा हाई-स्पीड कॉरिडोर है, जो यूपी, बिहार व पश्चिम बंगाल जैसे 3 प्रमुख राज्यों को जोड़ेगा. यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर के जगदीशपुर से शुरू होकर सिलीगुड़ी तक जाएगा.
इससे यात्रा का समय लगभग 15 घंटे से घटकर 9 घंटे रह जाएगा. इसमें पश्चिम बंगाल में 18.97 किमी, बिहार में 416 किमी और यूपी में 84.3 किमी का मार्ग शामिल है.
₹32,000 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना से पूर्वी भारत में आवागमन, व्यापार और क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिलेगी. इसका निर्माण कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है.
12-दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे
दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे एक 210 किमी लंबा 6 लेन का हाई-स्पीड कॉरिडोर है. यह दिल्ली, यूपी व उत्तराखंड को जोड़ेगा.₹13,000 करोड़ की लागत से बन रहा यह एक्सप्रेसवे सहारनपुर से होकर गुजरेगा और इसके निर्माण से दिल्ली से देहरादून के बीच यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर मात्र ढाई घंटे रह जाएगा. यह एक्सप्रेसवे उत्तर भारत के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के बीच तेज और सुगम संपर्क स्थापित करेगा. इसके जुलाई 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
13-गाजीपुर-बलिया-मांझी घाट एक्सप्रेसवे
गाजीपुर-बलिया-मांझी घाट एक्सप्रेसवे यूपी के गाजीपुर क्षेत्र को बिहार के बक्सर से जोड़ने वाली एक परियोजना है. यह एक्सप्रेसवे दो राज्यों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ाएगा. इसका निर्माण चरणों में किया जाएगा, जिसमें पहले चरण के ग्रीनफील्ड निर्माण के लिए ₹618 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. यह एक्सप्रेसवे लगभग 2 वर्षों में तैयार होने की उम्मीद है.
14-विंध्य एक्सप्रेसवे: पूर्वी यूपी को जोड़ने वाला नया हाईवे कॉरिडोर
विंध्य एक्सप्रेसवे यूपी का एक प्रस्तावित 320 किमी लंबा एक्सप्रेसवे है, यह प्रयागराज से शुरू होकर सोनभद्र तक जाएगा. यह एक्सप्रेसवे मिर्जापुर, वाराणसी और चंदौली जैसे जिलों से होकर गुजरेगा, जिससे पूर्वी यूपी को बेहतर सड़क संपर्क मिलेगा.
₹22,400 करोड़ की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना से मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के साथ कनेक्टिविटी को भी बल मिलेगा. यह एक्सप्रेसवे क्षेत्रीय विकास और औद्योगिक विस्तार में सहायक साबित होगा.
15-आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे
आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे यूपी और एमपी को जोड़ने वाला एक 6 लेन का हाई-स्पीड कॉरिडोर होगा. जिसकी अनुमानित लागत ₹4,613 करोड़ है. यह आगरा के देवरी गांव से शुरू होकर मध्य प्रदेश के ग्वालियर के सुसेरा गांव तक जाएगा. इसके निर्माण से दोनों गंतव्यों की मौजूदा दूरी 121 किमी से घटकर 88 किमी रह जाएगी. जिससे यात्रा का समय लगभग 50% कम हो जाएगा.
इसके लिए कुल 502.11 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें आगरा के 15 गांवों से 153 हेक्टेयर और एमपी के 18 गांवों से 151 हेक्टेयर भूमि शामिल है. यह परियोजना 2027 तक पूरी होने की संभावना है.
16- गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवेव
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा 6 लेन का एक्सप्रेसवे होगा, जिसकी अनुमानित लंबाई 700 किमी और लागत लगभग ₹35,000 करोड़ है. यह पूर्वी यूपी के गोरखपुर से शुरू होकर पश्चिमी यूपी के शामली के पास गोगवान जलालपुर तक जाएगा.
यह एक्सप्रेसवे राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ेगा और हरियाणा व पश्चिम बंगाल से भी कनेक्टिविटी बढ़ाने में मदद करेगा. इस परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है और इसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा विकसित किया जा रहा है.
यूपी में प्रस्तावित और निर्माणाधीन लिंक एक्सप्रेसवे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे 91 किमी लंबा 4 लेन का एक्सप्रेसवे है. जिसकी लागत लगभग ₹5,876.67 करोड़ है. यह गोरखपुर के जैतपुर से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के सलारपुर तक जाता है. सीएम योगी ने 20 जून को इस एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया था.
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे 14 किमी लंबा एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा. जिसे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और NH-135BG से जोड़ा जाना है. इसके निर्माण में अनुमानित लागत ₹235 करोड़ तय की गई है.
यह एक्सप्रेसवे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने में सहायक होगा. भविष्य में फर्रुखाबाद होते हुए गंगा एक्सप्रेसवे से भी जोड़ने की योजना है. यह एक्सेस कंट्रोल चार लेन का एक्सप्रेसवे होगा, जिसे 6 लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा.
झांसी-जालौन हाई-स्पीड लिंक एक्सप्रेसवे
यह लिंक एक्सप्रेसवे झांसी व जालौन को जोड़ेगा. साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से संपर्क स्थापित करेगा. इसकी लंबाई 118 किमी है. एक्सप्रेसवे का कार्य प्रारंभ हो चुका है.
लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे
लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे लगभग 49.96 किमी लंबा होगा. यहा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा.
फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा. इसकी कुल लंबाई 90.84 किमी होगी. यह मार्ग यूपी के बीच के जिलों के लिए नई कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
जेवर लिंक एक्सप्रेसवे
जेवर लिंक एक्सप्रेसवे 74.30 किमी लंबा होगा. यह यमुना एक्सप्रेसवे को बुलंदशहर होते हुए गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा. यह नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) के आसपास के क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग होगा.
मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच यात्रा को आसान बनाने के लिए बनाया जाएगा. इसकी लंबाई लगभग 120 किमी होगी और यह यूपी सीमा से होकर गुजरेगा.
चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे
यह लिंक एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को राष्ट्रीय राजमार्ग NH-135BG व रीवा से जोड़ेगा. इसकी अनुमानित लंबाई 70 किमी होगी.