संभल: जामा मस्जिद की ASI सर्वे के दौरान 24 नवंबर 2024 को हिंसा भड़की थी. यह हिंसा तब भड़की, जब ASI की टीम जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची थी. इस दौरान वहां ASI टीम के साथ हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन भी मौजूद थे. हिंसा में 4 लोगों की मौत और 29 लोग घायल हुए थे. जिसमें पुलिसकर्मी व प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं.
SIT ने इस मामले में 1,000 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट MP-MLA कोर्ट में दाखिल की है. जिसमें संभल के सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क को मुख्य आरोपी बनाया गया है. साथ ही मस्जिद के सदर जफर अली सहित कुल 23 आरोपियों का नाम चार्जशीट में दर्ज हैं. सपा सांसद बर्क पर हिंसा से पहले भड़काऊ भाषण देकर मुस्लिमों को हिंसा के लिए प्रेरित करने का आरोप है.
चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ है कि संभल हिंसा एक सुनियोजित हमला था, जिसका मुख्य उद्देश्य हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की हत्या करना था. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कॉल डिटेल, रिकॉर्ड, घटनास्थल, वीडियो फुटेज और गवाहों का भी जिक्र किया है. विष्णु शंकर जैन की हत्या की सुपारी अंडर वर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के गुर्गे शारिक साठा ने ली थी. साठा के तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ जुड़े हुए हैं. चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र है कि हिंसा में जिन 4 लोगों की मौत हुई थी, वह गोलियां साठा के लोगों ने ही चलाई थीं.
वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या करने की साजिश रचने वाला गिरफ्तार
संभल पुलिस ने हिंसा के दौरान फायरिंग करने वाले वारिस नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. वारिस दुबई में बैठे शारिक साटा गिरोह का मेंबर है. पुलिस की पूछताछ में वारिस ने कबूला है कि उसने साठा के कहने पर ही बवाल के समय फायरिंग की थी जिसमें कैफ व नईम की जान चली गई थी. आरोपी ने यह भी कबूला है कि 23 नवंबर की रात योजना बन गई थी कि हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या करनी है. इसके लिए उसे पिस्टल और कारतूस भी मिले थे.
अब तक 85 दंगाई गिरफ्तार
संभल हिंसा में अब तक कुल 85 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. जिसमें मस्जिद सदर जफर अली, दो हत्यारोपी व तीन महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस ने संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क व सपा विधायक इकबाल महमूद के पुत्र सुहैल इकबाल सहित 40 लोगों के खिलाफ नामजद, वहीं 2,750 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. हिंसा को लेकर नखासा थाने में कुल 12 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिसमें से 4 हत्या के मामले से जुड़ी हैं.
हिंसा में नाबालिग बच्चे व मुस्लिम महिलाएं भी शामिल
संभल हिंसा एक सुनियोजित घटना थी. इसमें मुस्लिम युवाओं को ही नहीं बल्कि नाबालिग बच्चों को भी पत्थरबाजी के लिए उकसाया गया था. हिंसा के तीसरे दिन यानी 27 नवंबर 2024 को पुलिस ने 21 उपद्रवियों की फोटो जारी की थी. जिसमें से 6 आरोपी नाबालिग भी शामिल थे. पुलिस ने इन पर भी कार्रवाई की थी. अन्य आरोपियों के साथ नाबालिगों ने भी पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और वहां मौजूद सरकारी गाड़ियों में भी आग लगा दी. बच्चों के अलावा महिलाओं की भी हिंसा में संलिप्तता थी. पुलिस ने 2 मुस्लिम महिलाओं को गिरफ्तार किया है.
ASI की सर्वे रिपोर्ट में क्या सामने आया?
जामा मस्जिद की ASI सर्वे रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर ने सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में पेश की थी. 45 पन्नों की इस रिपोर्ट में मस्जिद के मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं.
शाही जामा मस्जिद के गुंबद की रंगाई किए जाने का संकेत मिले हैं. गुंबद पर कुछ आकृतियों के होने की भी जानकारी सामने आई थी.
मस्जिद के अंदर कई स्थानों पर फूल और पत्तियों की आकृतियां बनी हुईं हैं. सर्वे के दौरान बजु स्थल के पास स्थित फव्वारे को खाली कराया गया था. उसमें गंदगी जमा हो गई थी. फव्वारे के नीचे एक टैंक होने की चर्चा है.
मस्जिद के मुख्य गेट के पास बना ताख बंद कर दिया गया है. इस स्थान पर कुछ छिपाए जाने का आशंका है. मुख्य कक्ष के दरवाजे बंद किए गए हैं, जबकि जानकारी के अनुसार, पहले वहां दरवाजे नहीं थे.
संभल ASI सर्वे में मिले 6 तीर्थ और 19 कुए
संभल हिंसा के बाद ASI ने पूरे शहर का सर्वेक्षण प्रारंभ किया था. जिसके बाद शहर में 6 तीर्थ और 19 कूपों की खोज हुई है.
1-चतुर्मुख कूप- (आलम सराय स्थित पानी टंकी के पास)
2-अमृत कूप- (दुर्गा कॉलोनी)
3-अशोक कूप- (हल्लू सराय मोहल्ला)
4-सप्तसागर कूप- (सर्थलेश्वर मंदिर के पास)
5-बलि कुआं- (कुचेवाली गली)
6-धर्म कूप- (हयातनगर)
7-ऋषिकेश कूप- (कोट पूर्वी मोहल्ले में स्थित शिव मंदिर के पास)
8-पराशर कूप- (कल्कि मंदिर)
9-अकर्ममोचन कूप- (संभल कोतवाली के सामने स्थित)
इन कूपों के अलावा करीब 10 अन्य कुए संभल मस्जिद व मंदिरों के पास पाए गए हैं.
68 में से जिन 6 तीर्थों की खोज एएसआई ने की हैं उनमें से…
1-भद्रका आश्रम तीर्थ (हौज भदेसरा)
2-स्वर्गदीप तीर्थ (जलालपुर मोहम्मदाबाद)
3- चक्रपाणि तीर्थ (जलालपुर)
4- श्मशान तीर्थ (आर्य कोल्ड स्टोरेज के पास)
5- कल्कि विष्णु मंदिर
वहीं, छठा तीर्थ हरिहर मंदिर के रूप में बताया जा रहा है, जिसका विवाद कोर्ट में चल रहा है.
जांच में मिला प्राचीन हनुमान मंदिर
संभल के खग्गू सराय मोहल्ले में पुलिस टीम को 16 दिसंबर 2024 को एक प्राचीन मंदिर मिला था. यह मंदिर 46 सालों से बंद पड़ा था. मंदिर के आसपास बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी रहती है. जांच के दौरान जब पुलिस की नजर खंडहरनुमा मंदिर पर पड़ी तो उसके कपाट खोले गए. जिसमें शिवलिंग व हनुमान प्रतिमा स्थापित थी. मंदिर कई सालों से बंद होने के चलते मूर्तियों पर धूल जमा हो चुकी थी. पुलिस अधिकारियों ने मंदिर को साफ कर वहां पूजन प्रारंभ करवाया. अब प्रतिदिन इस मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
संभल हिंसा पर सीएम योगी का बयान
सीएम योगी ने संभल हिंसा पर विधानसभा में बयान दिया था. उन्होंने कहा कि बाबरनामा भी कहता है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर ढांचा तैयार किया गया था. सनातन पुराण करते है कि श्रीहरि विष्णु का 10वां अवतार संभल में ही होगा. सीएम ने हिंसा पर बोलते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश पर डीएम और एसपी शांतिपूर्वक सर्वे करा रहे थे. 19 नवंबर व 21 नवंबर को सर्वे में शांतिभंग नहीं हुई. 24 नवंबर को सर्वे कार्य होना था, लेकिन जुमे की नमाज के पहले और जुमे के दौरान जिस प्रकार की तकरीरें दी गईं, उससे माहौल खराब हुआ.
संभल में दंगों का लंबा इतिहास
संभल में हुए दंगों के इतिहास पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि यहां 1947 से लगातार दंगे होते रहे हैं. 1947 में हुए दंगे में एक मौत और 1948 में हुए दंगों में 6 लोगों की जान जाती है. सीएम ने कहा कि 1958 से 1962 के बीच भी कई दंगे हुए. 1976 में हुए दंगों में 5 लोगों की मौत हुई.
सीएम ने आगे कहा कि 1978 में 184 हिंदुओं को सामूहिक रूप से जिंदा जला दिया गया था. जिसके बाद कई महीनों तक कर्फ्यू लगा रहा. 1980-1982 में दंगा और क्रमश: 1-1 व्यक्ति की मौत हुई. 1986 में चार लोग मारे गए. 1990-1992 में 5, 1996 में 2 लोगों की मौत हुई. सीएम ने कहा कि लगातार यह सिलसिला चलता रहा है.
संभल जामा मस्जिद को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा विवादित ढांचा
संभल की शाही जामा मस्जिद विवाद पर 4 मार्च 2025 को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया है अब शाही जामा मस्जिद नहीं बल्कि विवादित ढांचा कहा जाएगा. कोर्ट ने मस्जिद को दस्तावेजों में विवादित ढांचा लिखवाया.
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने अपनी याचिका में जामा मस्जिद को विवादित ढांचा बताया था.जिसके बाद हुई सुनवाई में न्याय मूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अपने आदेश में जामा मस्जिद को विवादित ढांचा लिखने का निर्देश दिया था.