यूपी में ईसाई मतांतरण तेजी के साथ जारी है. ईसाई मिशनरी भोले-भाले हिंदुओं को प्रलोभन व झांसा देकर मतांतरण करा रहे हैं. हाल ही में राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में केरल के पादरी विनोद और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया है. पादरी विनोद हर रविवार को लोगों के घरों में प्रार्थना सभा आयोजित कर उनका मतांतरण कराता था.
हालांकि, यह सिर्फ एक घटना नहीं है, यूपी के सभी जिले विशेषकर नेपाल सीमा से लगे तराई क्षेत्र वाले जिलों में ईसाई मिशनरियों की बढती गतिविधियों से चिंताए बढ़ गई हैं. लालच और जबरन ईसाई मतांतरण कराने की घटनाओं को कोर्ट भी गैरकानूनी बता चुका है.
गाजियाबाद से केरल का पादरी गिरफ्तार
बीते रविवार को गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक की राहुल विहार कॉलोनी स्थित प्रेमचंद जाटव के घर में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा था. जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों को मिलने पर उन्होंने पुलिस को सूचित किया. मौके से पुलिस ने केरल निवासी पादरी विनोद और घर के मालिक प्रेमचंद जाटव को गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी मिली है कि प्रेमचंद जाटव जो पहले ही ईसाई मत अपना चुका है, वह पादरी को हर रविवार को अपने घर बुलाकर प्रार्थना सभा का आयोजन कराता था. मामले की जांचकर रहीं एसीपी वेव सिटी प्रियाश्री पाल ने बताया है कि गिरफ्तार पादरी विनोद गरीब हिंदुओं, विशेषकर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को आर्थिक मदद व तमाम सुविधाओं का भरोसा दिलाकर उनको ईसाई मत स्वीकार करवाता था.
महराजगंज में मतांतरण जारी
दूसरी घटना बीती 25 मई को घटी, नेपाल सीमा से सटे महराजगंज जिले की है. यहां जिले के घुघली थाना क्षेत्र के पिपरा मुडेरी गांव में ग्रामीणों ने कुछ संदिग्ध लोगों को घूमते देखा. जिसके बाद पूछताछ करने बाद जानकारी मिली की ये लोग ईसाई मत का प्रचार कर रहे थे. जिससे लोगों को मतांतरण कराने की आशंका होने पर पुलिस को सूचना दी गई.
मौके पर पहुंची पुलिस ने पादरी समेत तीन संदिग्ध, शैलेश S/0 दीनानाथ, महेश S/0 दीनानाथ और किरण यादव नाम की महिला को गिरफ्तार किया है. इन सभी के पास से धार्मिक साहित्य व प्रचार सामग्री भी जब्त की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियां पहले भी देखी गई हैं. लोगों का यह भी कहना है कि धर्म प्रचार की आड़ में ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग गरीब हिंदुओं को बहका कर और लालच देकर उनका मतांतरण कराते हैं.
सीतापुर: ईसाई मिशनरियों ने गांव के 90% लोगों का करा दिया मतांतरण
तीसरी घटना 3 फरवरी 2025 को सामाने आई, जिला सीतापुर की है. जिल के कमलापुर थाना क्षेत्र के ककैयापारा गांव की है. अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार, गांव के 90% लोगों का ईसाई मिशनरियों ने मतांतरण कर दिया है. जिसमें कई मुस्लिम परिवार भी शामिल है. खबर के अनुसार, मिशनरी अशिक्षित और गरीब लोगों को अपना टारगेट बनाकर उन्हें पहले प्रार्थना सभा में बुलाते थे, फिर उनको तमाम प्रकार का लालच देकर उनका ब्रेनवॉश करते थे. पूरी तरह से ब्रेनवॉश करने के बाद उनको ईसाई मत में मतांतरित करा दिया जाता था.
मिशनरियों का साथ एक बुजुर्ग व्यक्ति भी रहता था, जो हर प्रार्थना सभा में खुद क ब्लड कैंसर से पीड़ित बताता था. वह ईसाई मत अपनाने का लाभ बताते हुए कहता था कि जब से वह प्रार्थना सभा में आने लगा है, तब से उसका ब्लड कैंसर ठीक हो गया है. अब उसे किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हैं. लेकिन जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो वह बार-बार अपनी बीमारी बदलने लगा और बाद में ब्लड कैंसर होने की बात से भी मुकर गया.
पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम में रामबरन, उसकी पत्नी मोना को गिरफ्तार था. यह दोनों लखनऊ में सैरपुर थाना क्षेत्र स्थित कॉस्मो पॉलिटन स्कूल के पीछे रहते हैं. इसके अलावा पुलिस ने सीतापुर निवासी राहुल, राजेश्वर, अमरिका और रामवती को भी गिरफ्तार किया है. इसके पास से भारी मात्रा में ईसाई मत का साहित्य बरामद हुआ है.
बाराबंकी में घर की छत पर मतांतरण का खेल
बीती 19 मई को बाराबंकी जिले के सफदरगंज थाना क्षेत्र के बांकीपुर गांव से मतांतरण की एक खबर सामने आई थी. यहां एक मकान की छत पर प्रार्थना सभा के नाम पर गुप्त रूप से अवैध मतांतरण का खेल चल रहा था. जिसकी जानकारी विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को हुए तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कई मिशनरियों को हिरासत में लिया. साथ ही मौके से पुलिस ने एक वैगनआर कार से क्रिश्चियन मत से जुड़ी सामग्री और प्रतीक चिंह बरामद किए.
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि यह सभी गरीब और भोले-भाले लोगों को लालच देकर उनका मतांतरण करवा रहे थे. यह आयोजन हर रविवार को गुपचुप तरीके से होता है. विहिप और बजरंग दल ने ईसाई मिशनरियों के रैकेट की गहराई से जांच करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
पीलीभीत में लालच और भय दिखाकर ईसाई मतांतरण
इन दिनों पीलीभीत जिला ईसाई मतांतरण का गढ़ बन गया है. पहले भी खबरें सामने आईं थीं कि जिले में 3 हजार से अधिक सिखों का मतांतरण कराया जा चुका है. अब 17 जून को पीलीभीत से ईसाई मिशनरी से जुड़े 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. मतांतरण का शिकार हुए सरदार रतन सिंह बताते हैं कि मिशनरियों ने उनकी पत्नी को अपने जाल में फंसा लिया था.
रतन सिंह बताते हैं कि उनकी पत्नी से ईसाई मिशनरी से जुड़े लोगों ने कहा था कि तुमारी सभी बीमारी ठीक हो जाएंगी, बस हमारी चर्च में आया करो. जिस पर रतन सिंह की पत्नी ने चर्च जाना शुरू किया. 10 दिन चर्च जाने के बाद मिशनरी उन्हें बाप्तिस्मा के लिए नदी में ले गए, डुबकी दिलाकर मुंह में कोई चीज डाली.
रतन सिंह से आगे बताया कि ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग मेरी पत्नी को 50 हजार रुपये देने का लालच देकर मेरा भी मतांतरण कराना चाहते थे. मिशनरियों ने रतन सिंह की पत्नी से कहा था कि तुम गरीब हो, पति फेरी करता है, ईसाई बनने पर तुमारी गरीबी दूर हो जाएगी.
लेकिन, रतन सिंह और उनकी पत्नी दोबारा चर्च नहीं गए तो अराजक तत्वों ने उनके साथ मारपीट की जिसमें रतन सिंह के हाथ में चोट आई. रतन सिंह की पत्नी बताती हैं कि उनके शरीर के एक हिस्से में दर्द रहती है. जिस पर एक महिला ने उसने प्रार्थना सभा में जाने को कहा था. उसने बताया था कि वहां जाने से तुम ठीक हो जाओगी. लेकिन 10-12 दिन प्रार्थना सभा में जाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण पर क्या कहा?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मतांतरण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कानून जबरन या धोखाधड़ी से धर्मांतरण का समर्थन नहीं करता. न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की पीठ ने कहा कि संविधान जबरन या धोखाधड़ी से धर्मांतरण का समर्थन नहीं करता है, न ही यह धार्मिक प्रचार की आड़ में जबरदस्ती या भ्रामक प्रथाओं का संरक्षण करता है.
यूपी सरकार द्वारा बनाए गए अवैध धर्मांतरण-2021 कानून पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुरूप है. अधिनियम का प्राथमिक उद्देश्य एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण को रोकना है, जो गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन, धोखाधड़ी के माध्यम से कराया जाता है. सिर्फ मतांतरण के उद्देश्य से किए गए विवाह को भी इस कानून के तहत रोका जा सकेगा.
मतांतरण की बढती घटनाओं पर सीएम योगी सख्त
सीएम योगी ने सभी सीमावर्ती जिलों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बल या प्रलोभन के माध्यम से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने वाले ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम’ के तहत सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
वहीं, सिख संगठनों ने कहा कि वे चाहते हैं कि जिन लोगों ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है, उनके बारे में आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए. दूसरी ओर गुरुद्वारा समितियों ने धार्मिक जागरूकता और घर वापसी को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है, जिससे गलत तरीके से मतांतरित हुए लोगों की घर वापसी कराई जाए.