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देश की सेवा, अखंडता और समरसता के लिए संघ जो कर रहा है, वह किसी दूसरे संगठन ने नहीं किया: अरविंद नेताम

संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग-2 के प्रमुख अतिथि प्रमुख अरविंद नेताम ने अपने संबोधन में कहा कि दो दिन पहले नागपुर आया हूं. संघ के कार्यक्रम को बहुत नजदीक से देखने का मौका मिल रहा है. मुझे पूर्व में संघ का कोई अनुभव नहीं था, पर यहां आकर बहुत कुछ जानने और सीखने का मौका मिला. चूंकि यह संघ का शताब्दी वर्ष है. इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है. बड़ी और लंबी यात्रा करके संघ यहां तक पहुंचा है.

live up bureau by live up bureau
Jun 6, 2025, 02:22 pm IST
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नागपुर में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग-2 का समापन 5 जून को हुआ. इस कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री व छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के बीच कार्य करने वाले अरविंद नेताम रहे. उन्होंने शिक्षार्थियों और आमंत्रित अतिथियों को संबोधित करते हुए संघ द्वारा समाज के बीच किए जा रहे कार्यों की सराहना की. साथ ही उन्होंने धर्मांतरण रोकने के लिए संघ द्वारा जलाए जा रहे डीलिस्टिंग आंदोलन की प्रसंशा भी की. उन्होंने संघ को देश सेवा, अखंडता और समरसता स्थापित करने वाला संगठन बताया. आइए जानते हैं अरविंद नेताम ने उद्धबोधन में क्या कहा?

प्रमुख अतिथि अरविंद नेताम ने अपने संबोधन में कहा कि दो दिन पहले नागपुर आया हूं. संघ के कार्यक्रम को बहुत नजदीक से देखने का मौका मिल रहा है. मुझे पूर्व में संघ का कोई अनुभव नहीं था, पर यहां आकर बहुत कुछ जानने और सीखने का मौका मिला. चूंकि यह संघ का शताब्दी वर्ष है. इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है. बड़ी और लंबी यात्रा करके संघ यहां तक पहुंचा है. देश की सेवा, अखंडता और समरसता के लिए संघ जो कर रहा है, किसी दूसरे संगठन ने ऐसा काम नहीं किया है.

नेताम ने आगे कहा कि मैं राजनीति से तो तौबा कर चुका हूं, पर समाज के लिए काम करने की जो मेरी रुचि है, वह मैं कर रहा हूं. आदिवासी समाज जो भविष्य में एक बड़े संकट से गुजरने वाला है, या फिर यह कहा जाए गुजर रहा है, उसके बारे में संघ के सामने अपने विचार रखना चाहता हूं. मैं एक बात महसूस कर रहा हूं, वह है धर्मांतरण की, लेकिन इस समस्या को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया.

उन्होंने धर्मांतरण पर बोलते हुए कहा कि यह भी देखने को मिलता है कि एक सरकार शासन में आई तो दूसरे सरकार को दोष देती है. जब दूसरी सरकार पावर में आती है, तो पहले वाली सरकार को दोष देती है. बस यही चलता है, देश में जो ठोस काम होना चाहिए वह नहीं हो रहा है. मैंने बहुत सोच-विचार करने के बाद यह पाया कि इस काम के लिए संघ की ऐसी संस्था है, जो धर्मांतरण को रोकने में मदद कर सकती है और कुछ रास्ता दिखा सकती है. हालांकि मैं यह जानता हूं संघ इस दिशा में आज से नहीं बहुत पहले से काम कर रहा है.

प्रमुख अतिथि ने आगे कहा कि हम दो प्रमुख समस्याओं से जूझ रहे हैं, एक नक्सलवाद और दूसरा धर्मांतरण इन दोनों समस्याओं से स्थिति बहुत विकट है, मैं चाहता हूं कि आदिवासी समाज और संघ को मिलकर कुछ न कुछ करना चाहिए. बस्तर में आयोजित एक कार्यक्रम में मैंने संघ के अधिकारी को मुख्य अतिथि बनाया. समाज के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया. लेकिन रामलाल जी मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे, उन्होंने कार्यक्रम में जो बातें कहीं, उससे संघ के प्रति समाज के लोगों में जो भ्रांतियां थीं, वह दूर हो गईं. अब संघ के रचनात्मक कार्यों से लोगों के मन में आस्था जगी है. पहले धर्मांतरण के बारे में कोई चर्चा नहीं होती थी, लेकिन बस्तर में हुए कार्यक्रम से अब समाज में धर्मांतरण को लेकर चर्चा होने लगी है.

अगर संघ और आदिवासी समाज मिलकर कार्य करता है, तो इस धर्मांतरण की समस्या का कोई न कोई समाधान जरूर निकलेगा. क्योंकि बिना संघ के सहयोग के समाज कुछ नहीं कर सकता, यह मेरा अपना मानना है. इसलिए आप (संघ) हमारी मदद करिए, यह मैं आप से कह रहा हूं.

प्रमुख अतिथि ने कहा कि दूसरी सबसे बड़ी समस्या नक्सलियों की है, हालांकि अब मैं भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं कि बस्तर में इस समस्या का समाधान काफी हद हो चुका है. लेकिन मेरी चिंता यह है कि अगर एक बार समस्या खत्म हो गई, उसके बाद क्या? अगर सरकार सोती रही, तो यह मानकर चलिए यह समस्या फिर खड़ी होगी. भारत सरकार को अपनी कार्य योजना के साथ देश के सामने आना चाहिए. नहीं तो नक्सली फिर से सक्रिय हो सकते हैं, और फिर से वहीं समस्या खड़ी हो सकती है.

एक और जो बड़ी समस्या है, जो मैं आप सबके सामने रखना चाहता हूं, वह है औद्योगीकरण, यह बात सही है कि बिना औद्योगीकरण के विकास नहीं हो सकता है, पर विकास के नाम पर आदिवासियों को ज्यादा उजाड़ा जाता है. उदारीकरण के बाद से विस्थापन बहुत धड़ल्ले से हो रहा है. उदारीकरण आए हुए करीब 30 से 35 साल हो गए. अब तो बहुत से कानून हो गए इस देश में आदिवासियों की रक्षा के लिए. जमीन और जंगल की रक्षा के लिए, फिर भी जल-जंगल जमीन खतरे में है. 150 साल पहले आदिवासी समाज ने जल, जंगल, जमीन के लिए अंग्रेजों से लड़ाई की. वह स्थिति पैदा न हो भारत सरकार को इस विषय में सोचना चाहिए.

विस्थापन भी बड़ी समस्याओं में से एक है. पहल जमीन बहुत थी, अब जमीन नहीं है. कहां जाएंगे? औद्योगीकरण की वजह से हमने 1996 में पेसा (PESA) कानून बनवाया था, इसलिए बनवाया था कि उदारीकरण नाम का कोई तूफान आने वाला है, इस देश में. जो आदिवासी क्षेत्रों में कहीं न कहीं तबाही मचाएगा. पेसा कानून इसलिए बनवाए कि थोड़ा-बहुत रोकथाम हो जाए. इस कानून की धज्जियां उठाई जा रही हैं. सरकारों ने पेसा कानून का पालन नहीं किया. अरविंद नेतान ने आगे कहा कि हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसमें समाज की हिस्सेदारी होनी चाहिए. जिससे उनमें विश्वास बनेगा. यह नीति कैसे बनेगी यह संघ ही उपाय बता सकता है.

सरकार को आदिवासियों की जमीन का अधिग्रहण नहीं करना चाहिए. लीज पर लेना चाहिए. जब खदान बंद हो जाए, तो उसे बराबर करके फिर उस परिवार को मिल जाए. आदिवासी समाज का सबसे बड़ा लगाव जमीन के प्रति है, आदिवासी मजदूर से मालिक होना पसंद करता है, पर मालिक से मजदूर होना पसंद नहीं करता. पिछले 36 सालों में छत्तीसगढ़ में एक भी लाइसेंस ‘पेसा कानून’ के हिसाब से नहीं बना, आदिवासियों के साथ हो रहे इस अन्याय का निदान संघ ही कर सकता है.

संघ के डीलिस्टिंग आंदोलन की प्रसंशा करते हुए अरविंद नेताम ने कहा कि पहले आदिवासी समाज के लोग इस आंदोलन से सहमत नहीं थे. पर जब संघ के लोगों के साथ हमारी चर्चा हुई तो, हमें यह महसूस हुआ कि डीलिस्टिंग धर्मांतरण को रोकने के लिए एक बड़ा हाथियार है. अब छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के लोग इस प्रयास में लगे हुए है कि समाज में डीलिस्टिंग को लेकर एक वातावरण बने. नेताम ने आगे कहा कि हमें पता चला है कि भारत सरकार धर्मांतरण के लिए कोई कानून बना रही है, यह बहुत अच्छी बात है, जितनी जल्दी हो सके सरकार को कानून बनाना चाहिए. लेकिन कानून के ड्रॉफ्ट पर समाज के बीच चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज सो रहा है और धड़ल्ले से धर्मांतरण हो रहा है. संघ की पहल से समाज जगेगा और धर्मांतरण जैसी बहुत बड़ी समस्या का निदान निकालने में हम सफल होंगे.

यह भी पढ़ें: पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और समाज में संघ की भूमिका….कार्यकर्ता विकास वर्ग-2 के समापन सत्र में संघ प्रमुख ने क्या-क्या कहा?

देखें कार्यक्रम का पूरा वीडियो

 

 

 

Tags: Arvind NetamKaryakarta Vikas Varg 2025NagpurSangh chief Mohan Bhagwat
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