भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान से पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है. भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है. लड़ाकू विमान राफेल से किए गए हमले में भारतीय सेना ने जिन 9 पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है, उनमें से 5 पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर और 4 ठिकाने पाकिस्तान में हैं. जो बहावलपुर, मुरीदके, भींबर, गुलपुर, चक अमरू, बाघ, कोटली, सियालकोट और मुजफ्फराबाद में स्थित हैं. इनमें से आतंकियों का सबसे बड़ा ठिकाना बहावलपुर है.
बहावलपुर पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर है. लेकिन यह शहर पाकिस्तान में आतंकवाद की नर्सरी तैयार करने के लिए जाना जाता है. बहावलपुर में ही भारत के सबसे बड़े दुश्मन मौलाना अजहर मसूद का जन्म हुआ था. यहीं से वह अपने आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद का संचालन करता रहा है. मौलाना यहां करीब 25 बर्षों ने जामिया मस्जिद में मदरसा संचालित करने के नाम पर पर आतंकी प्रशिक्षण केंद्र चला रहा है.
भारतीय खुफिया एजेंसियों की इसकी भनक लग गई थी. जिसके चलते पाकिस्तान का यह आतंकी प्रशिक्षण केंद्र भारतीय सेना के निशाने पर था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना ने यहां हवाई हमला कर कई आतंकियों को मार गिराया है, जिसमें से 10 आतंकी मौलाना अजहर मसूद के परिवार के ही थे.
मरकज़ सुभान अल्लाह, बहावलपुर (पाकिस्तान) जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था.
यह केंद्र 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले सहित आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक प्रमुख केंद्र था. #OperationSindoor के तहत भारत ने ध्वस्त कर दिया गया pic.twitter.com/ZxkhCMvZq8
— LIVE_UPToday (@LIVEUPToday) May 7, 2025
बहावलपुर में तैयार होती है आतंकवाद की नर्सरी
मौलाना अजहर मसूद बहावलपुर स्थित जामिया मस्जिद के सुभान अल्लाह परिसर में आतंकियों को प्रारंभिक ट्रेनिंग देता है. आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद का मुख्यालय भी इसी मस्जिद में स्थित है. यहां संचालित मदरसे में पढ़ने वालों को मजहबी तालीम के नाम पर कट्टरपंथी और जिहादी बनाया जाता है. जो बाद में आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में यहां पर करीब 600 आतंकियों को प्रशिक्षित किया जा रहा था. प्रारंभिक आतंकी प्रशिक्षण और ‘फिदायीन’ के लिए मानसिक तौर पर तैयार करने के बाद बहावलपुर से आतंकियों को पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर (POJK) या फिर अन्य जगहों पर भेजा जाता है. जहां संचालित आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों में उन्हें ISI और पाकिस्तानी सेना के अधिकारी आगे का प्रशिक्षित देते हैं.
पाकिस्तान अपने आतंकियों को विशेष तौर पर POJK में प्रशिक्षित करता है. क्योंकि यहां की भौगोलिक परिस्थिति जम्मू-कश्मीर से मिलती है. जिसका फायदा उठाकर आतंकी घाटी में दहशत फैलाते हैं. यही कारण है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के जिन 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया है, उनमें से 5 POJK में संचालिच हो रहे थे. हालांकि, भारतीय सेना ने बहावलपुर में प्रमुख रूप से एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की जड़ पर प्रहार किया है.
1994 में भारत ने मसूद को किया था गिरफ्तार
आतंकवाद फैलाने के कई मामलों में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने अजहर मसूद को गिरफ्तार किया था. तब वह अफगानिस्तान के आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन का सदस्य था. हालांकि, आतंकियों ने 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से इंडियन एयरलाइंस के एक विमान को हाईजैक कर लिया था. जिसमें करीब 190 लोग सवार थे.
आतंकी भारतीय विमान को पहले अमृतसर फिर लाहौर, दुबई और अंत में कंधार लेकर पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने 190 भारतीयों को छोड़ने के बदले तीन आतंकी मसूद अजहर, उमर शेख और मुश्ताक जरगर को रिहा करा लिया था. रिहाई के बाद से ही मौलाना मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का गठन किया था. जो भारत में कायराना आतंकी घटनाओं को अंजाम देता रहा है.
JeM को पाकिस्तान की ISI का समर्थन
JeM को आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का सहयोग मिलता रहा है. ISI, JeM को न सिर्फ बुनियादी ढांचे में सहयोग करता है बल्कि आतंकियों को प्रशिक्षण देने और उनकी वित्तीय मदद भी करता है.
JeM ने भारत में किए कई आतंकी हमले
जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है. 1999 में इस आतंकी संगठन के गठने के बाद, अप्रैल 2000 में जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर में पहला आत्मघाती हमला किया. जिसमें एक 17 वर्षीय आफाक अहमद शाह नाम के आतंकी ने बादामी बाग स्थित सेना के 15 कोर मुख्यालय के बाहर आत्मघाती विस्फोट किया था. इस घटना में भारतीय सेना के 4 जवान बलिदान हो गए थे.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा आत्मघाती हमला
अक्टूबर 2001 में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने श्रीनगर स्थित जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर आत्मघाती हमला किया था. इस आतंकी घटना में 30 से अधिक लोग मारे गए थे.
संसद पर हमला
जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों ने जैश-ए-तैयबा के साथ मिलकर 13 दिसंबर 2001 को नई दिल्ली स्थित संसद भवन पर हमला किया था. जिसमें 8 सुरक्षा जवानों सहित 14 लोगों की मौत हुई थी. इस हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था.
पठानकोट एयरबेस हमला
2 जनवरी 2016 को तड़के सुबह करीब 3:30 बजे पंजाब राज्य के पठानकोट स्थित वायु सेना स्टेशन पर जैश-ए-मोहम्मद के 2 आतंकियों ने हमला कर दिया था. जिसमें 7 जवान बलिदान हो गए थे.
उरी हमला
18 सितंबर, 2016 को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा अंजान दिए गए उरी हमले में 19 जवान बलिदान हुए थे. आतंकियों ने ग्रेनेड और स्वचालित हथियारों से सेना के उरी स्थित ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया था. जिसके बाद भारतीय सेना ने POJK में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. जिसमें बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे.
पुलवामा अटैक
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था. जिसकी जिम्मेदारी भी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इस हमले में 40 CRPF जवानों की मौत हुई थी. इस हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के घुसकर बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. जिसमें करीब 400 आतंकी मारे गए थे.
पहलगाम आतंकी हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हुई थी. इस आतंकी घटना में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के साथ-साथ लश्कर-ए-तैयबा का भी हाथ होने की जानकारी मिली थी. पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने बीती रात (6 मई 2025) को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है.