पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकवाद की फैक्ट्री पाकिस्तान को भारत ने चौतरफा घेर रखा है. एक तरफ सिंधु जल समझौता रद्द कर पाकिस्तान से सभी प्रकार के व्यापारिक संबंध खत्म कर दिए हैं. वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी प्रकार के बीजा की मान्यता समाप्त कर उन्हें अपने देश लौटने को कहा गया है.
अब ऐसे में पाकिस्तानी नागरिकों के भारत में रहने और उनके वंश वृद्धि से जुड़े कई मामले सामने आए हैं. एक इसी प्रकार का एक खुलासा मुरादाबाद में हुआ है. यहां 22 पाकिस्तानी महिलाएं ‘लॉन्ग टर्म’ बीज पर भारत आईं थीं. जिसके बाद सभी ने यहीं पर भारतीय नागरिकों से निकाह कर लिया. अब इन 22 पाकिस्तानी महिलाओं के 95 बच्चे हैं. इन बच्चों से उनके परिवार की संख्या 500 से अधिक पहुंच गई है. जिसमें से मुगलपुरा क्षेत्र में रहने वाली एक पाकिस्तानी महिला के सबसे अधिक 9 बच्चे हैं.
50 के दशक में भारत आईं पाकिस्तानी महिलाएं
हैरान करने वाली बात यह है कि 22 में से 35 प्रतिशत ( 8 से 9) महिलाएं 1950 के दशक में लॉन्ग टर्म बीजा पर भारत आईं थीं. सभी ने यहीं निकाह किया. जो अब दादी और नानी भी बन चुकी हैं. इनके पोती-पोता भी बालिग हो चुके हैं.
वहीं, 2 पाकिस्तानी महिलाएं 4 साल पहले निकाह करके मुरादाबाद आईं थीं. लेकिन अभी तक यह पाकिस्तान की ही नागरिक हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं की पाकिस्तान में रह रहे उनके परिजनों से बात भी होती रही है. पुलिस इन पर नजर बनाए हुए है. साथ ही इनके पाकिस्तान यात्रा की डिटेल भी जांची जा रही है.
नागरिकता पाकिस्तान की आधार और राशन कार्ड भारत का
सभी 22 पाकिस्तानी महिलाओं की नागरिकता भले ही भारत की न हो. लेकिन उनके नाम से मुरादाबाद के पते पर आधार कार्ड और राशन कार्ड सहित कई दस्तावेज बने हैं. यह सभी मुफ्त राशन कार्ड सहित कई जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी ले रही हैं. जो हैरान करने वाली बात है. क्योंकि जब महिलाओं की नागरिकता पाकिस्तानी है और यह सभी बीजा पर भारत में रह रही हैं, फिर इनके दस्तावेज भारत में कैसे बन गए. यह बड़ा सवाल हैं.
इससे पहले भी कई बांग्लादेशी घुसपैठियों के फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड बनाने की घटनाएं सामने आई हैं. इस मामले में बीते साल पुलिस ने रायबरेली में एक बड़े गिरोह का खुलासा किया था. जिसने बांग्लाादेशी घुसपैठियों से लेकर आतंकी संगठन के सदस्यों तक के फर्जी दस्तावेज बना दिए थे.
आरा में भी 2 पाकिस्तानी महिलाओं की पहचान
मुरादाबाद भारत का पहला ऐसा शहर नहीं है, जहां बीजा पर आईं पाकिस्तानी महिलाओं ने भारत में निकाह कर यहीं पर अपना घर बसा लिया हो. बिहार के आरा जिले से भी इसी प्रकार की 2 महिलाओं की पहचान हुई है. जो बीजा के आधार पर भारत आईं फिर यहां निकाह कर बस गईं. अब इनके भी बच्चे बड़े-बड़े हो गए हैं.
आरा के भोजपुर में 2 पाकिस्तानी महिलाएं वर्षों से रह रही हैं. इनमें से एक महिला करीब 30 सालों से भारत में है, जिसके 5 बच्चे हैं, जिनमें से 2 लड़कियों का निकाह भी हो गया है. महिला का नाम आसरी बेगम है, जिसने 1995 में आरा के आलमगीर कुरैशी से निकाह किया था. लेकिन अब यह पाकिस्तानी महिला अपने देश जाने से साफ मना कर रही है. वहीं, आरा की दूसरी पाकिस्तानी महिला की पहचान कराची निवासी आंसमा के रूप में हुई है. आंसमा का निकाह अक्टूबर 2018 में आरा जिले के कोईलवर निवासी आमिर से कराची में हुआ था.
कैसे बनते हैं फर्जी दस्तावेज
भारत में रहने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने का काम सबसे अधिक बांग्लादेशी घुसपैठिए करते हैं. यह फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से अन्य दस्तावेज तैयार करवा लेते हैं. पुलिस ने ऐसे कई गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे.
बीते साल रायबरेली पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया था. गिरोह का सरगना व जनसेवा केंद्र संचालक जीशान खान ने 20 हजार से अधिक फर्जी दस्तावेज बनाए थे. जिसमें कई आतंकी संगठन के सदस्यों का भी नाम शामिल है. जीशान एक फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने का 5 हजार रुपये लेता था. इन्हीं प्रमाण पत्रों के आधार पर घुसपैठिए भारत का नागरिक होने का दावा करते हैं, साथ ही मुफ्त राशन सहित कई सरकारी सुविधाएं भी लेते हैं.
मुस्लिम महिलाओं की पाकिस्तानी झंडे के प्रति वफादारी
जहां एक ओर बीजा के आधार पर भारत आईं पाकिस्तान महिलाएं यहां फर्जी दस्तावेज बनवाकर योजनाओं का लाभ ले रही हैं. वहीं दूसरी ओर भारत के अंदर ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिली हैं, जहां मुस्लिम महिलाओं ने पाकिस्तानी झंडे के प्रति अपनी वफादारी दिखाई हो.
पहलगाम हमले के बाद भारत में जगह-जगह पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए. लोगों ने अपना विरोध जाहिर करने के लिए पाकिस्तानी झंडे को सड़कों पर बनाकर प्रदर्शन किया. लेकिन यह मुस्लिम महिलाओं को पसंद नहीं आया. कर्नाटक में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता पाकिस्तानी झंडे को सड़क पर चिपकाकर प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन तभी वहां 2 मुस्लिम महिलाएं पहुंचीं और भिड़ते हुए पाकिस्तान के झंडे को अपने साथ लेकर चली गईं.
Shocking : कर्नाटक में ‘पाकिस्तान’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन’ हो रहा था
हिंदुओ ने पाक झंडे सड़क पर लगा दिए थे
लेकिन ‘मुस्लिम’ महिलाएं आई… उनका पाकिस्तान प्रेम जागा… उन्होंने वो झंडे हटा दिए ,इससे ज्यादा शर्मनाक क्या होगा। pic.twitter.com/paB3542Vk9
— Apurva Singh (@iSinghApurva) April 26, 2025
दूसरा मामला सहारनपुर का है. यहां गंगोह कस्बे में लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए उसके झंडे को सड़क पर चिपका दिया. लेकिन तभी उधर से गुजर रही, 11वीं में पढ़ने वाली मुस्लिम छात्रा ने चौराहे पर अपनी स्कूटी रोकी और पाकिस्तान के झंडे को हटाने का प्रयास किया. लेकिन वह सफल नहीं हो पाई. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद है.
सहारनपुर के गंगोह की एक छात्रा को सड़क पर चिपका फाकिस्तानी झण्डा हटाने का प्रयास करने पर स्कूल से निष्कासित कर दिया।
उसके हैड कांस्टेबल अब्बा ने क्षमा मांगते हुए दावा किया कि हम 4 पीढ़ी से देशसेवा कर रहे हैं।
छात्रा ने कहा, मुझे लगा ये हमारा मजहबी झण्डा है इसलिए उसे हटाने लगी थी। pic.twitter.com/OHzh1vkcze— Subhash (@Subhash2453) May 3, 2025
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