नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी समेत पांच लोगों के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार्जशीट दायर की है. अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी. चार्जशीट में सोनिया गाँधी को पहला, राहुल गाँधी को दूसरा, सुमन दूबे को तीसरा, सैम पित्रोदा को चौथा और यंग इंडिया को पाँचवाँ आरोपी बनाया गया है.
ईडी की जाँच 2014 में पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई थी. मामला 2013 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दाखिल याचिका से शुरू हुआ, जिसमें कांग्रेस नेताओं पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था. दिवंगत मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस भी आरोपियों में शामिल थे, लेकिन अब चार्जशीट से बाहर हैं.
चार्जशीट में ED के मुख्य आरोप क्या हैं?
- 2,000 करोड़ की संपत्ति पर अवैध कब्जा
– ईडी के अनुसार, यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) ने मात्र 50 लाख रुपये में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्ति का अधिग्रहण किया, जिसकी बाजार कीमत हजारों करोड़ है. - मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
– ED का कहना है कि इस ट्रांजैक्शन के जरिए 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई. - कर्ज को इक्विटी में बदला गया
– कांग्रेस ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को जो 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, उसे इक्विटी शेयर में बदल दिया गया, और ये सभी शेयर यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) को ट्रांसफर कर दिए गए. - YIL को मिला पूर्ण नियंत्रण
– यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) को AJL के 99% शेयर मिले, जिससे एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की पूरी संपत्ति पर उसका नियंत्रण हो गया.
– यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) के 76% शेयर राहुल और सोनिया गांधी के पास थे. - संपत्ति की कुर्की
– ED ने नवंबर 2023 में AJL की 752 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ कुर्क कीं. - आपराधिक साजिश का आरोप
– ED की चार्जशीट के अनुसार, यह सब कुछ एक पूर्व-नियोजित आपराधिक साजिश के तहत किया गया ताकि गांधी परिवार AJL की संपत्ति पर कब्जा कर सके. - कंपनियों के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का हवाला दिया
– ईडी ने जांच में कई दस्तावेज, बैंक रिकॉर्ड, गवाहों के बयान और कंपनियों के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का हवाला दिया है.
कैसे खुला मामला ?
यह जांच भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2012 में ट्रायल कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर शुरू हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने यंग इंडियन के जरिए एजेएल की बहुमूल्य संपत्ति खासकर दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस को मात्र 50 लाख रुपये में हथियाने की साजिश रची. 2010 में बनाई गई यंग इंडियन में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास 38-38% शेयर थे. कांग्रेस ने 2011 में AJL के 90 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाया और इसके बदले AJL के 9 करोड़ शेयर यंग इंडियन को दे दिए गए. इसके साथ ही यंग इंडियन को कंपनी पर 99% नियंत्रण मिल गया.