मथुरा: महाकुंभ की शुरुआत से पहले रथ पर बैठकर पेशवाई के दौरान चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया ने आज पदयात्रा शुरू की. हर्षा रिछारिया ने इस पदयात्रा की शुरुआत वृंदावन से की है और ये संभल तक निकालेंगी. वृंदावन से हर्षा के साथ चल रहे साधु-संत और समर्थकों ने उनपर पुष्प वर्षा भी की.
मुस्लिम युवती पदयात्रा में हुई शामिल-
पदयात्रा से पहले हर्षा की मंदिर में चप्पल खो हो गई. लेकिन वो नंगे पैर ही आगे बढ़ गई. सनातनधर्म से प्रभावित होकर कृष्ण जन्मस्थान के पास रहने वाली अलीशा खान भी टीका लगाकर और बुर्का पहन कर हर्षा की पदयात्रा में शामिल होने के लिए पहुंची. अलीशा ने कहा कि सनातनधर्म में महिलाओं का सम्मान होता है. लेकिन इस्लाम में ऐसा नहीं होता है.
अलीशा ने 8 महीने पहले प्रेमी सचिन से किया था विवाह-
अलीशा ने कहा कि इस्लाम में लड़कियों को घर बंद रखा जाता है, जबकि सनातन में लड़कियों को लक्ष्मी स्वरूप माना जाता है. अलीशा ने बताया कि उसने 8 महीने पहले सचिन नाम के व्यक्ति से प्रेम विवाह किया है. बता दें कि पिछले साल 20 सितंबर को अलीशा ने अपने प्रेमी सचिन के साथ शादी कर ली. शादी से पहले अलीशा ने इस्लाम त्यागकर हिंदू धर्म अपनाया था. अलीशा का परिवार उसके और सचिन के रिश्ते के खिलाफ था. दोनों को धमकियां भी दी जा रही थीं. मगर युवती ने हार नहीं मानी.
21 अप्रैल को खत्म होगी पदयात्रा-
वहीं, वृंदावन से शुरू हुई हर्षा रिछारिया की पदयात्रा 175 किमी की दूरी तय करने के बाद 20 अप्रैल को संभल पहुंचेगी. उसके बाद 21 अप्रैल को इस पज यात्रा का समापन कार्यक्रम होगा. महाकुंभ के दौरान चर्चा में आने के बाद हर्षा रिछारिया ने कहा था कि उन्होंने सनातन के प्रचार-प्रसार के लिए अपना पिछला कैरियर छोड़ दिया है. वो युवाओं को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करेंगी साथ ही इस बार के भव्य महाकुंभ के बारे में बताएंगी.