वाराणसी: PM नरेंद्र मोदी आज वाराणसी दौरे पर पहुंचे. ये उनका 50वां दौरा है. इस दौरान उन्होंने 3,900 करोड़ की 44 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. उनके साथ CM योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. इन परियोजनाओं में ग्रामीण विकास पर केंद्रित योजनाएं शामिल हैं. इनमें 130 पेयजल परियोजनाएं, 100 नए आंगनवाड़ी केंद्र, 356 पुस्तकालय, पिंडरा में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज और एक सरकारी डिग्री कॉलेज का निर्माण शामिल है. PM मोदी ने कहा कि बीते 10 वर्षों में बनारस के विकास ने एक नई गति पकड़ी है. काशी ने आधुनिक समय को साधा है विरासत को संजोया है और भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में मजबूत कदम रखे हैं.
PM मोदी ने दुग्ध उत्पादकों को दिया बोनस –
प्रधानमंत्री ने आज दुग्ध उत्पादकों को 106 करोड़ रुपए का बोनस दिया. साथ ही 70 वर्ष से अधिक आयु के 3 बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड और तीन भौगोलिक संकेत-GI के प्रमाण पत्र भी सौंपे. उन्होंने कहा कि हमने पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है, उनके लिए लोन की सीमा बढ़ाई है, सब्सिडी की व्यवस्था की है. ‘खुरपका’ और ‘मुंहपका’ से पशुधन को बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है. 10 साल में, दूध के उत्पादन में करीब 65 प्रतिशत वृद्धि हुई है.
कौन होते हैं दुग्ध उत्पादक?
दूध देने वाले पशुओं का पालन-पोषण करने वाले व्यक्ति या संस्थान को दूध उत्पादक कहते हैं. दूध उत्पादन को डेयरी फार्मिंग भी कहते हैं. ये कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. दूध उत्पादन के लिए गाय, भैंस, बकरी, भेड़, ऊंट, जलीय भैंस, याक, घोड़ा जैसे पशुओं का इस्तेमाल किया जाता है. दूध उत्पादन के लिए पशुओं की नस्ल, उपलब्धता, रोग प्रबंधन, चारा प्रबंधन, बछड़ा प्रबंधन, मशीनरी का चयन वगैरह का ध्यान रखा जाता है. दूध उत्पादन के लिए पशुओं का प्रजनन और देखभाल किया जाता है. दूध उत्पादन की प्रक्रिया में साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाता है. दूध उत्पादन के लिए पशुओं को सही पोषण दिया जाता है. दूध उत्पादन के लिए उन्नत वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है. दूध उत्पादन से जुड़े कार्यों में दूध की खरीद, प्रोसेसिंग और खुदरा बिक्री शामिल हैं.
डेयरी स्थापना के लिए सरकारी सहायता-
डेयरी फार्मिंग उद्योग की स्थापना करने के लिए पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग ने साल 2005 में “डेयरी और पोल्ट्री के लिए उद्यम पूंजी योजना” शुरू की. इस योजना में डेयरी इकाइयां स्थापित करने के लिए ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया गया और 31 मार्च 2010 तक, भारत में लगभग 15,268 डेयरी फार्मों ने 146 करोड़ 91 लाख रुपए के ब्याज मुक्त ऋण का लाभ लिया. वहीं, डेयरी और पोल्ट्री के लिए उद्यम पूंजी योजना की सफलता के बाद, भारत सरकार ने 2010 में डेयरी उद्यमिता विकास योजना शुरू करने का फैसला किया. भारत में डेयरी फार्मिंग एक बहुत बड़ा असंगठित क्षेत्र है और ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है.
PM मोदी द्वारा परियोजनाओं का तोहफा-
पीएम मोदी की 44 परियोजनाओं में कनेक्टिविटी को मजबूत करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, गांव-गांव तक नल से जल पहुंचाने की योजनाएं, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और खेल के क्षेत्र में नई पहल शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं पूर्वांचल को विकसित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी. काशी के लोगों को इन योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा. इन परियोजनाओं में लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट के विस्तार, भिखारीपुर और मंडुआडीह में फ्लाईओवर और बनारस-सारनाथ को जोड़ने वाला नया पुल जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी शामिल हैं.
पिछले 10 सालों में वाराणसी का विकास-
इससे पहले PM मोदी 20 अक्टूबर 2024 को वाराणसी पहुंचकर करीब 6,600 करोड़ी की परियोजनाओं की सौगात दी थी, जिसमें करीब 2,870 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले नए एयरपोर्ट की बिल्डिंग का भी शिलान्यास किया था. इससे पहले वाराणसी में घाटों का पुनरुद्धार और विस्तार का काम हुआ. गंगा सफाई के लिए नमामि गंगे योजना चलाई गई. अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ शुरू किया गया. 140 मिलियन लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला STP निर्माण हुआ. अबतक कुल 10 STP बनाए गए. हैंडलूम को बढ़ावा देने के लिए ट्रेड फैसिलिटी सेंटर बनाया गया. बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया गया. वाराणसी से प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़ समेत अन्य जिलों को जोड़ने वाले हाइवे को चौड़ा किया गया. 750 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से रिंग रोड बनाया गया. DLW का 266 करोड़ रुपए की लागत से जीर्णोद्धार किया गया