लखनऊ: देश की सबसे बड़ी आबादी को अपने भीतर समेटे उत्तर प्रदेश ने 8 वर्षों में जमीन, संसाधन, कुशल श्रमशक्ति और कानून व्यवस्था का भरपूर इस्तेमाल कर निवेश की बाढ़ ला दी है. उत्तर प्रदेश कारोबारी सुगमता की रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंचने के लिए होड़ कर रहा है और देश-विदेश की नामी कंपनियां यहां निवेश करने के लिए कतार लगाए हुए हैं.
8 वर्षों में प्रदेश की तस्वीर बदल देने का सबसे बड़ा श्रेय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी नीतियों को जाता है. प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की उनकी कोशिशों ने इसे निवेश, उद्यम और रोजगार का गढ़ बना दिया है.
आधुनिक सड़कों और परिवहन नेटवर्क
उत्तर प्रदेश में सड़क, रेलवे, और हवाई यातायात को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट्स से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी. इससे राज्य के छोटे शहरों और गांवों को औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ा जा सकेगा.
विशेष औद्योगिक क्षेत्रों का विकास
राज्य सरकार ने एसईजेड और औद्योगिक क्लस्टर्स विकसित करने की दिशा में पहल की है. कानपुर और आगरा में लेदर क्लस्टर, और नोएडा में आईटी हब का विकास, फिल्म सिटी का निर्माण, कन्नौज का इत्र, बनारस की साड़ी, सादाबाद की पीतल के समान, अलीगढ़ का ताला, मेरठ की कैंची, लखनऊ की चिकनकारी, भदोही की कालीन, प्रयागराज का अमरूद के साथ उत्तर प्रदेश की कई अन्य प्रोडक्ट है जो राज्य को आर्थिक रूप से बड़ा लाभ दे सकते हैं.
लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन
यूपी को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स हब बनाने के लिए मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट और वेयरहाउसिंग पर फोकस किया जा रहा है. इसके तहत, गाजियाबाद और वाराणसी में विशेष लॉजिस्टिक्स पार्क प्रस्तावित हैं.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले उत्तर प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग उद्योग की अपार संभावनाएं हैं. प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत नए फूड पार्क विकसित किए जा रहे हैं.
औद्योगिक विकास के लिए की गई पहलें
औद्योगिक विकास के लिए की गई पहल में कृषि तकनीक का आधुनिकीकरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जरिए नए उत्पाद तैयार करना हैं. जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और आर्थिक विकास होगा. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने आईटी और आईटीईएस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया है. जिससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों में आईटी हब स्थापित किए गए हैं.
वोकल फॉर लोकल
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट, सुरक्षा और बेहतर बुनियादी ढांचे के ऐसे माहौल के बीच प्रदेश सरकार ने यह अनूठी नीति शुरू की गई थी. जिससे हरेक जिले के एक अनूठे उत्पाद को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके जरिये प्रदेश के 75 जिलों से चुने हुए 75 उत्पादों की ब्रांडिंग की जा रही है. इन उत्पादों के कुल 75 जीआई टैग भी उत्तर प्रदेश के पास हैं. इस कारण उत्तर प्रदेश से निर्यात काफी बढ़ गया है.