लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी अब सिर्फ सांस्कृतिक राजधानी नहीं रहा, बल्कि एक तेज़ी से उभरता हुआ आईटी हब बन गया है. पिछले 12 महीनों में लखनऊ ने टेक्नोलॉजी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में जबरदस्त तरक्की की है, जिससे यह IT MNCs का पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है.
पाँच वैश्विक कंपनियों की एंट्री
पिछले एक साल के दौरान Genpact, Tele-Performance, Deloitte, Sify Technologies और IBM India जैसी दिग्गज कंपनियों ने लखनऊ में अपने कार्यालय स्थापित किए हैं. ये कदम न केवल शहर की तकनीकी क्षमताओं को दर्शाता है, बल्कि इसे उत्तर भारत के IT मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करता है.
TCS और HCL पहले से ही लखनऊ में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं और अब एक्सेंचर और KPMG के जल्द ही शहर में आने की संभावना है। वहीं, Infosys, Tech Mahindra, Capgemini और Wipro जैसे अन्य IT दिग्गज भी लखनऊ को लेकर गंभीरता से विचार कर रहे हैं.
InMobi का दूसरा टेक्नोलॉजी सेंटर
InMobi ने भी बेंगलुरु के बाद अपने दूसरे टेक्नोलॉजी सेंटर के लिए लखनऊ को चुना है, यह InMobi का भारत में दूसरा बड़ा निवेश है. इससे यह स्पष्ट है कि लखनऊ अब केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक IT निवेश की दृष्टि से भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है.
रोज़गार में बूम: 20,000+ नई नौकरियों की उम्मीद
इन निवेशों के चलते, वर्ष 2025 के अंत तक लखनऊ में 20,000 से अधिक नई आईटी नौकरियाँ पैदा होने की संभावना है. इसके अलावा, इन्वेस्टर्स समिट 2 के बाद से शहर में 53 नए उद्योग शुरू हुए हैं, जिनमें से 7,000 से अधिक लोगों को पहले ही रोज़गार मिल चुका है.
लखनऊ को एक ‘स्मार्ट टेक्नोलॉजी सिटी’ के रूप में विकसित करने की योजना
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आईटी सेक्टर को औद्योगिक यूनिट का दर्जा देना, साथ ही आईटी नीति, सेमीकंडक्टर नीति, स्टार्टअप नीति और ग्लोबल कैपेबिलिटी नीति जैसे ठोस कदम इस विकास के पीछे की मुख्य वजहें हैं. लखनऊ को एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब और एक स्थायी तकनीकी केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया है.
बेसिक इन्फ्रस्ट्रक्चर और सपोर्टिंग इकोसिस्टम
राजधानी लखनऊ न केवल तकनीकी रूप से सक्षम है, बल्कि इसमें आधुनिक बेसिक इन्फ्रस्ट्रक्चर, उत्कृष्ट लॉजिस्टिक सुविधाएं, प्रतिभाशाली प्रोफेशनल्स की भरमार है. यही नहीं यहाँ CM योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली एक प्रगतिशील तथा सहायक सरकारी प्रणाली भी मौजूद है. जो IT क्षेत्र को उत्तर प्रदेश में सभी तरफ बढ़ावा दे रहे हैं. साथ ही, यहाँ क्षेत्रीय या भाषाई पक्षपात भी नहीं है, जिससे कंपनियों को टैलेंट हायर करने में अधिक सुविधा होती है.