मथुरा: जिले के हाईवे थाना क्षेत्र के महोली स्थित मासूम नगर में मतांतरण का मामला सामने आया है. सूचना पर मौके पर पहुंची धर्म जागरण समन्वय की टीम ने यहां एक घर में चल रही चंगाई सभा को रुकवाकर पुलिस को सूचना दी. थाना प्रभारी निरीक्षक मौके पर पहुंचे और मंतातरण कराने वालों को सख्त चेतावनी दी. इससे पहले लखनऊ, फतेहपुर, बिजनौर और महाराजगंज से भी ईसाइयों मिशनरियों द्वारा मंतांतरण करवाने के मामले सामने आ चुके हैं.
दरअसल, धर्म जागरण समन्वय की टीम को मथुरा के हाईवे थाना क्षेत्र के महोली स्थित मासूम नगर में मंतांतरण की सूचना मिली थी. टीम के वहां पहुंचने पर एक घर में चंगाई सभा होती पाई गई. टीम ने पुलिस को तत्काल इसकी सूचना दी. थाना प्रभारी निरीक्षक सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गए. उन्होंने लोगों का मंतातरण कराने वालों को सख्त चेतावनी दी. धर्म जागरण समन्वय के विभाग सह संयोजक विजय सिंह गुर्जर ने बताया कि तेर सिंह नाम के व्यक्ति के घर पर चंगाई सभा के दौरान ईसाई मिशनरियों द्वारा बाइबिल बांटी जा रही थी. उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंच कर प्रार्थना सभा को रोक दिया. कार्यकर्ताओं को देख सभा कराने वाले ईसाई मौके से फरार हो गए.
पिछड़ों और गरीब परिवारों को बरगलाकर करवाया जा रहा मतांतरण-
इससे पहले लखनऊ से भी इसी तरह का मामला सामने आया था. ईसाई मिशनरियों की नजर यहां पर SC, पिछड़े हिंदू परिवार और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के मंतातरण पर थीं. पैसा, बच्चों को शिक्षा, इलाज और नौकरी के नाम पर इनका मंतांतरण किया जा रहा था. फतेहपुर में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था. यहां गरीब हिंदू परिवारों को एक कमरे में एकत्रित कर ईसाई मिशनरी के लोग उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा, नौकरी और पैसों का लालच देकर मंतातरण करा रहे थे. विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मंतांतरण करा रहे लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस को मौके से धार्मिक पुस्तक, डायरी और अन्य ईसाई मिशनरी से जुड़ी किताबें भी बरामद हुई थीं.
वहीं, यूपी के बिज जिले से भी मंतातरण का मामला सामने आया था. प्रदीप और अर्जुन नाम के दो युवक ग्राम लठमार मिलक में एक खेत में टेंट लगाकर लोगों को एकत्रित कर ईसाई धर्म से संबंधित प्रार्थना सभा करा रहे थे. गांव में प्रार्थना सभा की सूचना मिलने पर बजरंग दल के जिला साप्ताहिक मिलन प्रमुख राजन चंद्रा ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी. पुलिस ने प्रदीप और अर्जुन को हिरासत में लेकर उनका शांतिभंग में चालान किया था. महराजगंज से भी इसी तरह का वाक्या सामने आया था. यहां पनियरा थाना क्षेत्र के बेनीगंज में हिंदू समुदाय के लोगों का मंतातरण कर ईसाई धर्म में मिलाने के आरोप में पुलिस ने लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. ये कार्रवाई विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के जिला कार्याध्यक्ष अरविंद सिंह की सूचना पर हुई थी. उन्होंने कहा था कि संगठन ऐसी गतिविधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाता रहेगा.
मतांतरण क्या होता है और कैसे कराया जाता है?-
मतांतरण यानि मत में परिवर्तन होने की क्रिया या भाव को मत परिवर्तन, धर्म परिवर्तन कहते हैं. मतांतरण किसी ऐसे नये धर्म को अपनाने की प्रक्रिया है, जो धर्मांतरित हो रहे व्यक्ति के पिछले धर्म से भिन्न हो. अगर कोई व्यवक्ति बिना किसी लालच, धोखे या दबाव के मतांतरण करता है, तो कोई परेशानी की बात नहीं है, क्योंकि भारत का संविधान सभी को अपना मत चुनने का अधिकार देता है. हालांकि, धोखे और दबाव में करवाए जा रहे मतांतरण कानूनी रूप से अपराध बोध की श्रेणी में आते हैं. धोखे और दबाव में करवाए जा रहे मतांतरण के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता व्यक्त की है. साथ ही केंद्र सरकार को इसे रोकने का निर्देश भी दिए हैं. भारत के मूल स्वभाव और उसकी प्रकृति बदलने के इरादे से जो मतांतरण हो रहा है, वो राष्ट्र जीवन के लिए दीमक की तरह है.
मतांतरण रोकने के लिए राज्य सरकारें खुद आ रहीं आगे-
मतांतरण को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2015 में ही अपना पक्ष साफ कर दिया था. तब केंद्रीय कानून मंत्रालय ने कहा था कि जबरन मतांतरण पर राष्ट्रीय स्तर पर कोई कानून नहीं बनाया जा सकता है. कानून एवं व्यवस्था राज्यों का विषय है, इसलिए राज्य सरकारें इस संबंध में खुद कानून बना सकती हैं. बता दें कि सबसे पहले 1967 में ओडिशा इस संबंध में कानून लाने वाला पहला राज्य बना था. उसके बाद 1968 में मध्य प्रदेश और फिर 1978 में अरुणाचल प्रदेश ने मतांतरण को लेकर कानून बनाया गया था. अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी इसको लेकर कानून ला चुकी है.