मेरठ; भाजपा नेता और सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम ने बीते बुधवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए सपा नेता अबू आजमी के बयान पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि औरंगजेब लाखों हिंदुओं को कटवाने और महिलाओं के साथ दुष्कर्म करवाने वाला था. काशी और मथुरा के मंदिर भी इसी ने गिरवाए हैं. मैं कहता हूं कि अब समय आ गया है कि औरंगजेब की निशानी मिटा देनी चाहिए. ऐसे में एक सवाल यह उठता है कि हमेशा सपा व कांग्रेस के ही नेता क्यों मुस्लिम आक्रांताओं के समर्थन में खड़े रहते हैं. इस मामले से पहले भी कई सपा व कांग्रेस के नेताओं ने उपद्रवियों व आक्रांताओं का सपोर्ट किया है.
बता दें कि पूर्व विधायक सरधना में होली मिलन समारोह में पहुंचे थे. उन्होंने कहा, काशी से लेकर मथुरा तक के मंदिरों को औरंगजेब ने ध्वस्त करने का काम किया, तो क्या उसने किसी कोर्ट का सहारा लिया, किसी कोर्ट में मुकदमा चला. अब हम लोग भी अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे और काशी-मथुरा के मदिरों को वापस लेंगे.
राहुल-अखिलेश देशद्रोही- संगीत सोम
संगीत सोम ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर भी एक बयान दिया, उन्होंने कहा कि औरंगजेब देशद्रोही था. राहुल गांधी और अखिलेश यादव भी देशद्रोही की श्रेणी में आते हैं. कांग्रेस ने इसके नाम पर सड़कें बनवाईं हैं.
जानिए औरंगजेब से जुड़ा पूरा विवाद क्या है…
सपा नेता अबू आजमी ने 3 मार्च को को एक बयान दिया उन्होंने अपने बयान में कहा कि हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है. औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं, मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता. छत्रपति संभाजी महाराज एवं औरंगजेब के बीच धार्मिक नहीं, बल्कि सत्ता और संपत्ति की लड़ाई थी. अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू और मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता हूं.
मेरे शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया, बयान वापस लेता हूं
वहीं, चार मार्च को अबू आजमी ने कहा, मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है. फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूं. इसी क्रम में उन्होंने कहा कि मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने लिखा है. मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है.
जानिए मकबरे के बारे में…
औरंगजेब की मृत्यु संन् 1707 में 87 वर्ष की उम्र में हुई थी. उनको औरंगाबाद से 25 किलोमीटर दूर खुल्दाबाद में दफनाया गया था. जहां उनकी पत्नी की कब्र ‘बीबी का मकबरा’ स्थित है. अपनी वसीयत में औरंगजेब ने इच्छा व्यक्त की थी कि उन्हें खुल्दाबाद में दफनाया जाए. जहां उनके गुरु, सूफी संत सैयद जैनुद्दीन को दफनाया गया था.
यह मकबरा सैयद जैनुद्दीन के परिसर में स्थित है. उन्होंने यह भी निर्देश दिया था कि उन्हें एक साधारण खुली हवा वाली कब्र में दफनाया जाए. बाद में हैदराबाद के निजाम ने भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन के अनुरोध पर मकबरे के चारों ओर संगमरमर की ग्रिल लगवा दी थी.
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