नई दिल्ली: भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 14 दिन बाद धरती पर सुरक्षित वापस लौट आए हैं. इनके साथ क्रू-9 के 2 और एस्ट्रोनॉट अमेरिका के निक हेग और रूस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी वापस लौटे हैं. विश्वभर के लोग उनके धरती पर सुरक्षित लौटने का इंतजाम कामना कर रहे थे. सुनीता विलिम्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से भारतीय समयानुसार 19 मार्च को सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर फ्लोरिडा के समुंदर पर सुरक्षित लैंडिंग की.
दरअसल, भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और दूसरे अमेरिकी एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर को 5 जून 2024 को अंतरिक्ष में भेजा गया था. पिछले 9 महीने से भी अधिक समय से ये दोनों अंतरिक्ष में फंसे हुए थे. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर सुनीता और बुच के काफी समय बिताने के बाद भी अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA उन्हें वापस धरती पर नहीं ला पा रहा था. उधर, पर विश्वभर के लोग उनकी वापसी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन अब उनके सुरक्षित वापस लौटने के बाद लोगों का इंतज़ार खत्म हो गया.
भारतीय मूल की अमेरीकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलिम्स अपने साथ प्रयागराज में आयोजित भव्य और दिव्य महाकुंभ की तस्वीरें भी अपने साथ लेकर आई हैं. इससे “वसुधैव कुटुम्बकम्” की पुनीत भावना फिर से साकार हुई है. अंतरिक्ष से महाकुंभ की तस्वीरें लेकर सुनीता विलियम्स 9 महीने से अधिक समय के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से सुरक्षित धरती पर वापस लौटीं हैं. जब पूरी दुनिया सुनीता के सुरक्षित धरती पर उतरने का इंतजार कर रही थी. तब एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से प्रयागराज की धरती पर आयोजित महाकुम्भ का दिदार कर इसकी यादों को तस्वीरों में बदल रहीं थीं. उन्होंने ये तस्वीरें अपनी बहन फाल्गुनी पंड्या को भी भेजी थीं.
बता दें कि एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे. इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता की जांच करना था. एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे. लेकिन थ्रस्टर में आई खराबी के बाद उनका 8 दिन के मिशन को 9 महीने से ज्यादा का समय हो गया था.
वहीं, सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी के करोड़ों लोग गवाह बनें. नासा के लाइव टेलिकॉस्ट को विश्वभर के लोग अपने स्मार्ट गैजेट्स और टीवी पर देख रहे थे. सभी लोगों को इस पल का बेसब्री से इंतजार था. भारत के समयानुसार आज यानी बुधवार के तड़के 3 बजकर 28 मिनट पर ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा के समुंदर में गिरा. इसकी गति को नियंत्रित करने के लिए 4 पैराशूट इसके साथ जुड़े हुए थे. जैसे ही ड्रैगन कैप्सूल ने समंदर की सतह को छुआ. चारों पैराशूट धीरे-धीरे गिर गए.