लखनऊ: महाकुंभ से दूरी बनाने वाले और इस आयोजन पर लगातार सवाल उठाने वाले नेता अब रोजे की इफ्तार पार्टी में शामिल हो रहे हैं. शायद उन नेताओं को अपना एक वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है. ताजा मामला लखनऊ में की गई इफ्तार पार्टी का है. इस पार्टी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव शामिल हुए. वहीं, महाकुंभ को मृत्यु कुंभ कहने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फुरफुरा शरीफ की यात्रा पर गईं और रोजा इफ्तार पार्टी में भी शामिल हुईं. केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी की यात्रा को लेकर कहा कि कि ममता प्रदेश में तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं.
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद की ओर से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था. इफ्तार पार्टी में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल हुए. इस मौके पर कई मुस्लिम धर्मगुरु, सपा विधायक और नेता भी शामिल हुए. अखिलेश यादव ने खजूर खा कर इफ्तार किया. इस दौरान अखिलेश यादव सीएम योगी और बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा. अखिलेश का इस तरह के आयोजनों में शामिल होने का मतलब है कि उनको अपना एक खास वोट बैंक हाथ से निकलने का डर सता रहा है. इसी लिए वो शायद रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल होकर मुस्लिमों को खुश करने का मौका नहीं गंवाना चाहते.
वहीं, महाकुंभ को मृत्युकुंभ कहने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फुरफुरा शरीफ की यात्रा पर गईं. इस दौरान वो भी रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल हुईं. इस पर केंद्रीय मंभी सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि ममता तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं. बता दें कि साल 2011 में सत्ता में आने के बाद ममता बनर्जी साल 2012 में फुरफुरा शरीफ का दौरा किया था. उसके बाद साल 216 में फिर गईं थी. वहीं, अब साल 2026 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले महाकुंभ को मृत्युकुंभ कहने वाली ममता बनर्जी का फुरफुरा शरीफ का ये तीसरा दौरा है. ममता की इस यात्रा पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी की ये यात्रा मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश है, जबकि दूसरी तरफ वो खुद को हिंदू भी दिखाने की कोशिश कर रही हैं, जिससे हिंदुओं के 4 से 5 प्रतिशत वोट उनकी तरफ आ जाएं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रोजा तो मुस्लिम रख रहे हैं. ऐसे में इफ्तार भी मुस्लिमों को ही करना चाहिए. कहा कि क्या ममता बनर्जी ने रोजा रखा हुआ है जो रोजा इफ्तार कर रही हैं. अगर उन्होंने रमजान महीने में रोजा रखा हुआ है तो ही उन्हें रोजा इफ्तार कर करना चाहिए, नहीं तो उनके रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल होकर इफ्तार करने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि ममता रोजे को राजनीति से जोड़ कर तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं, जिससे उनका मुस्लिम वोट बैंक न खिसके. साथ ही वो खुद को हिंदू बताकर हिंदू वोट बैंक भी हाथ ने नहीं जाने देना चाहतीं. वहीं, बीजेपी की नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा कि ममता की ये साफ-साफ तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं, जिससे दोनों ही वोट बैंक उनके हाथ में हों.