संभल: संभल में एक के बाद एक चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. इसमें कुछ हिंदू मंदिरों पर कब्जे से जुड़े हैं वहीं कुछ ऐतिहासिक इमारतों के विध्वंस से जुड़े हैं. अब चंदौसी इलाके में एक अवैध मस्जिद और 33 घरों को तोड़ा जा सकता है. यह सभी इमारतें नगर पालिका की जमीन पर बनी हुई हैं. अवैध बनी इमारतों की जानकारी बीते सोमवार को एक अधिकारी ने दी. अधिकारी ने बताया कि ध्वस्तीकरण कानूनी तरीके से किया जाएगा.
अवैध तरीके से बनी 34 इमारतें
गौरतलब है कि संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने तहसील दिवस पर वारिस नगर में नगर पालिका की जमीन का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि नगर पालिका की जमीन पर अवैध निर्माण किया गया हैं. DM पेंसिया ने कहा कि यह जमीन नगर पालिका की है. बिना मालिकाना हक के अवैध तरीके से रजिस्ट्री की गई कुल 34 इमारतें बनी हैं, जिनमें 33 घर और एक मस्जिद शामिल है. ये सभी अवैध हैं.
मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि तहसीलदार कुछ समय से इस मामले की जांच में जुटे हुए थे. उन्होंने SDM को पहले रिपोर्ट भी सौंपी थी. DM ने कहा कि तहसील दिवस के दौरान हम उन दो जगहों पर गए, जिनके खिलाफ शिकायतें आई थीं. आज हमने इस जगह का निरीक्षण किया. अब हम दूसरी जगह जाएंगे, जो भी अतिक्रमण पाया जाएगा, उसे कानून के अनुसार तोड़ा जाएगा.
6 बीघा जमीन पर अवैध तरीके से किया गया निर्माण
उल्लेखनीय है कि वारिस नगर इलाके में नगर पालिका की छह बीघा जमीन पर अवैध कब्जा करके एक मस्जिद व 33 घरों का निर्माण करने का मामला सामने आया था. वहीं, मस्जिद और मकानों को अवैध बताए जाने पर इमाम भड़क गए हैं. मस्जिद के इमाम मोहम्मद नाजिम ने कहा कि जिन अधिकारियों ने अवैध जमीन पर बने मकानों की रजिस्ट्री की है, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
24 नवंबर को संभल में भड़की थी हिंसा
पिछले साल 24 नवंबर को संभल जिले में हिंसा भड़की थी. यह हिंसा मुगलकाल की शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई थी. कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था. एक याचिका में दावा किया गया था कि मस्जिद की जगह पर पहले एक प्राचीन हिंदू मंदिर था. जिसके बाद यह मस्जिद विवादों में आ गई. संभल हिंसा में चार लोग मारे गए थे और कई पुलिस वाले भी घायल हुए थे.
संभल में कब क्या खुलासे हुए
संभल मस्जिद के सर्वे से शुरू हुई कहानी में अब तक कई मोड़ आए हैं. इसको लेकर सूबे और देश में सियासी उबाल भी है. लेकिन ये जानना जरूरी है कि आखिर संभल में अब तक क्या क्या खुलासे हुए हैं…
मस्जिद का सर्वे और मिल गया मंदिर
संभल में बवाल तब शुरू हुआ जब कोर्ट ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया. इस दौरान पुलिस पर पथराव हुआ. लेकिन 14 दिसंबर को पुलिस उस वक्त हैरान रह गई जब चेकिंग के समय अचानक एक मंदिर मिल गया जो कि सन 1978 का बताया जा रहा है. यह मंदिर 46 सालों से बंद था. जो सपा सांसद के घऱ से 200 मीटर की दूरी पर था. इसके बाद 15 दिसंबर को मंदिर को खोला गया और वहां पूजा पाठ की गई.
5 तीर्थ स्थल और 19 प्राचीन कुएं की पहचान
इसके बाद ASI ने संभल के प्राचीन कार्तिकेय मंदिर की कार्बन डेटिंग की प्रक्रिया शुरू की. इस कार्य के लिए एक विशेषज्ञों की चार सदस्यीय टीम तैनात की गई. एएसआई ने संभल में पांच प्रमुख तीर्थ स्थलों और 19 प्राचीन कूपों का निरीक्षण भी किया. इन स्थलों में भद्रकाश्रम, स्वर्गदीप, चक्रपाणि शामिल थे. इनकी ऐतिहासिक महत्वता और वर्तमान स्थिति का गहन अध्ययन किया गया.
कल्कि मंदिर का सर्वे
ASI की टीम ने संभल के कल्कि मंदिर में स्थित कृष्ण कूप और गुंबद का सर्वे किया. पुजारी के साथ मंदिर का निरीक्षण किया गया, और गुंबद की फोटो भी ली गई, जो दस्तावेजों में शामिल की गई.
चंदौसी में खुदाई में बावड़ी मिली
इस दौरान चंदौसी में राजस्व विभाग ने एक जमीन की खुदाई की, जिसमें एक विशालकाय बावड़ी मिली. यह बावड़ी 250 फीट गहरी थी, और इसके साथ दो मंजिला इमारत और कुएं भी सामने आए, जो ऐतिहासिक महत्व के हैं.