अयोध्या: भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद से अयोध्या की अर्थव्यवस्था में भारी उछाल आया है. इसकी जानकारी अयोध्या की इकोनॉमीश्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से की गई बैठक के बाद दी गई. इस बैठक में ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने ये भी निर्णय लिया कि राम मंदिर में अब कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा. इस बैठक की अध्यक्षता श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास ने की. बैठक में निर्णय लिया गया कि राम नवमी के दिन दोपहर 12:04 मिनट पर भगवान राम का सूर्य तिलक होगा. इस अद्भुत नजारे का प्रसासरण दूरदर्शन पर होगा.
बताया जा रहा है कि रामनवमी के दिन भगवान राम के होने वाले सूर्य तिलक का अद्भुत नजारा 50 से अधिक स्थानों पर लगी स्क्रीन के जरिए देखा जा सकेगा. भगवान राम का सूर्य तिलक रामनवमी के दिन दोपहर 12:04 मिनट पर होगा. इस मौके पर जगह-जगह भव्य आयोजन और धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे. अंगद टीला पर 30 मार्च से 6 अप्रैल तक अतुल कृष्ण की कथा होगी. तो वहीं, वाल्मीकि रमणीय का नौवहन पारायण किया जाएगा. इसके बाद दुर्गा पूजन और यज्ञ के साथ 1 लाख मंत्रों की आहुति दी जाएगी.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बैठक में राम मंदिर से संबंधित वित्तीय जानकारी भी साझा की उन्होंने बताया- कि 5 साल में ट्रस्ट की ओर से करीब 400 करोड़ रुपए के कर का भुगतान किया गया, जिसमें GST 272 करोड़, TDS 39 करोड़, लेबर सेस 14 करोड़, PF 7 करोड़ 4 लाख और इंश्योरेंस पॉलिसी 4 करोड़ रुपए शामिल है. उन्होंने बताया कि जन्मभूमि के नक्शे के लिए ADA को 5 करोड़ रुपए दिए गए. अयोध्या में करीब 29 करोड़ रुपए की जमीन ड्राफ्ट के माध्यम से खरीदी गई. उन्होंने ये भी बताया कि मंदिर में दान में चढ़ने गहनों की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी.
वहीं, बैठक के बाद बताया जा रहा है कि रामलला के मंदिर का निर्माण कार्य 96 प्रतिशत तक पूरा हो गया है. बाकी का कार्य जून महीने तक पूरा करा लिया जाएगा. परकोटा निर्माण का कार्य लगभग अक्टूबर तक चलेगा. शबरी निषाद और ऋषियों के सप्त मंदिर का निर्माण मई महीने में ही पूरा हो जाएगा. शेषा अवतार मंदिर का निर्माण अगस्त में पूरा होगा. 30 अप्रैल तक भगवान रामलला के मंदिर में बनाए जाने वाले सभी मंदिर की मूर्तियों को उनके यथा स्थान पर स्थापित कर दिया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन करने आने वाने श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में करीब 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जिसके बाद से अयोध्या अब एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन क्षेत्र बन गया है. इससे यहा के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं. महाकुंभ के समय करीब 1 करोड़ 26 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन करने आए थे.