नई दिल्ली: नेपाल में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के स्वागत में राजतंत्र समर्थक रैली निकाली गई. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें दिखाई गईं. जिससे अब वहां राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. रैली का उद्देश्य नेपाल में राजशाही की बहाली के लिए समर्थन का प्रदर्शन करना था. वहीं नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली से लेकर अन्य वामपंथी संगठन में काफी नाराजगी है.
बता दें कि योगी आदित्यनाथ को नेपाल के राजघराने का करीबी माना जाता है. इस समय नेपाल के केपी ओली की सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण बैकफुट पर हैं. वहीं, रविवार को पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह काठमांडू के त्रिभुवन हवाई अड्डे पर जब पहुंचे, तो हजारों लोगों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद हजारों लोगों ने उनके स्वागत में राजशाही समर्थक रैली निकाली गई. रैली के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें दिखाई गईं. जिसके बाद से विवाद खड़ा हो गया. वहीं, पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने देश के कई धार्मिक स्थलों का दौरा भी किया.
वहीं, रैली के दौरान राजतंत्र समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी- RPP के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह समर्थन में नारे लगाए. बताया जा रहा है कि रैली का उद्देश्य राजतंत्र की बहाली के लिए समर्थन करना था. सैकड़ों समर्थकों ने बाइकों से रैली निकाल कर शाह की तस्वीरें और राष्ट्रीय झंडे लहराए. तो वहीं, कुछ समर्थकों ने ज्ञानेंद्र शाह के साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें भी दिखाईं.
हालांकि जिन लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें दिखाईं थीं. उन्हें कई राजनीतिक पार्टियों और सोशल मीडिया पर आम जनता की आलोचना भी झेलनी पड़ रही है. वहीं, आलोचनाओं के बाद RPP के प्रवक्ता ज्ञानेंद्र शाही ने आरोप लगाते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें दिखाना ओली सरकार की साजिश है. वो सोच-समझकर राजतंत्र समर्थक आंदोलन को बदनाम करने में लगे हैं.