अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में रंगभरी एकादशी पर साधु-संतों ने अपने इष्ट देव श्रीराम और उनके परम भक्त हनुमान को रंग लगाकर होली के पर्व की शुरुआत की. हनुमान गढ़ी में संतों ने फूल, गुलाल और रंगों से होली खेली. इस दौरान वहां का पूरा माहौल होली के रंगों में सराबोर नजर आया. वहीं, श्रद्धालुओं ने ढोल-नंगाड़ों की थाप पर थिरकते नजर आए.
दरअसल, हर साल फाल्गुन के महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. रंगभरी एकादशी से प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में रंगों के पावन पर्व होली की शुरुआत हो चुकी है. वैसे तो औपचारिक रूप से अयोध्या के मंदिरों में बसंत पंचमी पर्व से 40 दिन की होली की शुरुआत हो जाती है.
हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं ने हनुमानजी को अबीर और गुलाल लगाकर होली का शुभारंभ किया. इस दौरान हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं ने ढोल और नगाड़े के धुन पर हनुमान जी के निशान के साथ राम नगरी के प्रमुख मठ और मंदिरों में होली का निमंत्रण दिया. रंग भरी एकादशी के अवसर पर अयोध्या नगरी की सड़कें अबीर और गुलाल से रंगी नजर आईं. साथ ही कड़ी सुरक्षा में प्रमुख सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी से साधू संतों का जुलूस अयोध्या की सड़कों पर निकला.
बता दें कि रंगभरी एकादशी से अवध में होली की विधिवत शुरुआत हो जाती है. भगवान को प्रतिदिन 40 दिनों तक अबीर और गुलाल चढ़ाया जाता है. प्राचीन हनुमानगढ़ी में नागा साधुओं ने मंदिर परिसर में होली खेली. इसके बाद साधुओं की टोली बैंड बाजे की धुन पर नृत्य भी किया. वहीं, अखाड़ों के पहलवानों ने जुलूस के दौरान सड़क पर करतब भी दिखाए. साथ ही होली के रंग में रंगे साधु- संतों ने जुलूस देख रहे लोगों पर भी अबीर और गुलाल उड़ाया. वहीं, संतों ने अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा कर सरयू स्नान भी किया.